- Get link
- X
- Other Apps
-रोष : जब पद ही नहीं तो कैसे स्थायी होंगी डीबीसी
दिल्ली देहात न्यूज टीम
राजधानी दिल्ली में पिछले करीब 23 सालों से जलजनित बीमारियों (डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि) से लाखों परिवारों को बचाने के प्रयास में जुटे डेंगू ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) दिल्ली नगर निगम नेताओं व प्रशासन की कार्यशैली के चलते परेशान हैं।
एंटी मलेरिया एकता कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष देवा नंद शर्मा का कहना है कि दिल्ली की तीनों नगर निगमों में करीब 3500 डीबीसी कर्मी कार्यरत हैं, लंबे इंतजार के बाद भी हमारा भविष्य मंझधार में फंसा हुआ है। हम पिछले करीब 15 सालों से निगम नेताओं से मांग करते आ रहे हैं कि हमारा कोई पद हो, हमें स्थायी किया जाए, हमारी अन्य जरूरी मेडिकल कार्ड व पीएफ जैसी मांगों पर भी ध्यान दिया जाए। साथ ही मांगे मानने के लिए कोई अंतिम तारीख भी निर्धारित की जाए। लेकिन अब तक हमें कोई पद नहीं मिला है और हमें हर महापौर से बार-बार सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं।
यूनियन अध्यक्ष देवा नंद ने बताया कि इस सप्ताह के दौरान वे अन्य यूनियन पदाधिकारी रामपाल, मदनलाल, संजीव कुमार आदि डीबीसी कर्मियों के साथ दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की महापौर सुनीता कांगडा और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर अवतार सिंह से मुलाकात की। इस दौरान दाेनों उक्त महापौरों ने फिर से आश्वासन दे दिया। आगामी दो चार दिनों में पूर्वी निगम महापौर अंजू कमलकांत से भी मुलाकात करेंगे। यूनियन का कहना है कि हम एक माह के लिए इंतजार कर रहें हैं, इसके बाद आर-पार की लड़ाई शुरू कर दी जाएगी। हमने कई बार धरने प्रदर्शन किए हैं लेकिन न तो निगम नेता सुन रहें हैं और न ही निगम प्रशासन।
- खुद निगम प्रशासन होगा जिम्मेदार
यूनियन अध्यक्ष देवानंद ने निगम को चेताते हुए बताया कि अब की बार डीबीसी कर्मी बार-बार मिल रहे आश्वासन से मानने वाले नहीं हैं, यदि निगम नेताओं व प्रशासन ने एक माह में उनकी मांगों पर कुछ उचित कार्यवाही नहीं की तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएगे और इसकी जिम्मेदारी निगम की ही होगी।
दिल्ली देहात न्यूज टीम
राजधानी दिल्ली में पिछले करीब 23 सालों से जलजनित बीमारियों (डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि) से लाखों परिवारों को बचाने के प्रयास में जुटे डेंगू ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) दिल्ली नगर निगम नेताओं व प्रशासन की कार्यशैली के चलते परेशान हैं।
एंटी मलेरिया एकता कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष देवा नंद शर्मा का कहना है कि दिल्ली की तीनों नगर निगमों में करीब 3500 डीबीसी कर्मी कार्यरत हैं, लंबे इंतजार के बाद भी हमारा भविष्य मंझधार में फंसा हुआ है। हम पिछले करीब 15 सालों से निगम नेताओं से मांग करते आ रहे हैं कि हमारा कोई पद हो, हमें स्थायी किया जाए, हमारी अन्य जरूरी मेडिकल कार्ड व पीएफ जैसी मांगों पर भी ध्यान दिया जाए। साथ ही मांगे मानने के लिए कोई अंतिम तारीख भी निर्धारित की जाए। लेकिन अब तक हमें कोई पद नहीं मिला है और हमें हर महापौर से बार-बार सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं।
यूनियन अध्यक्ष देवा नंद ने बताया कि इस सप्ताह के दौरान वे अन्य यूनियन पदाधिकारी रामपाल, मदनलाल, संजीव कुमार आदि डीबीसी कर्मियों के साथ दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की महापौर सुनीता कांगडा और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर अवतार सिंह से मुलाकात की। इस दौरान दाेनों उक्त महापौरों ने फिर से आश्वासन दे दिया। आगामी दो चार दिनों में पूर्वी निगम महापौर अंजू कमलकांत से भी मुलाकात करेंगे। यूनियन का कहना है कि हम एक माह के लिए इंतजार कर रहें हैं, इसके बाद आर-पार की लड़ाई शुरू कर दी जाएगी। हमने कई बार धरने प्रदर्शन किए हैं लेकिन न तो निगम नेता सुन रहें हैं और न ही निगम प्रशासन।
- खुद निगम प्रशासन होगा जिम्मेदार
यूनियन अध्यक्ष देवानंद ने निगम को चेताते हुए बताया कि अब की बार डीबीसी कर्मी बार-बार मिल रहे आश्वासन से मानने वाले नहीं हैं, यदि निगम नेताओं व प्रशासन ने एक माह में उनकी मांगों पर कुछ उचित कार्यवाही नहीं की तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएगे और इसकी जिम्मेदारी निगम की ही होगी।
- Get link
- X
- Other Apps
All dbc worker should support this efforts and should be United till the end.
ReplyDelete