- एसडीएम और डीएम को दिए निर्देश
दिल्ली देहात न्यूज टीम: राजधानी दिल्ली के नंदनगरी के ए-ब्लॉक में शनिवार रात अचानक आग लगने से हुए नुकसान का दूसरे दिन भी जायजा लेने कैबिनेट मंत्री व स्थानीय विधायक राजेंद्र पाल गौतम पहुंचे।
इलाके के एसडीएम और डीएम के साथ दुकानदारों से बात करते हुए उन्होंने नुकसान का अनुमान लगाने को कहा ताकि आंकलन करके उचित मुआवजा दिया जा सके। बता दें कि पिछले करीब 30 सालों से यह दुकानदार अपनी सब्जी की दुकानें यहां लगाते हैं। रात के समय लगी इस आग में सौ से ज्यादा दुकानें जलकर खाक हो गईं। वहीं सब्जियां बेचने वाली दुकानों भी भारी संख्या में इस आग की भेंट चढ़ गई।

नुकसान की भरपाई में कहीं देरी न हो जाए और चीजें फाइलों में ही न अटक जाएं इसलिए मंत्री ने सोमवार को दोबारा डीएम और एसडीएम के साथ दौरा किया और निर्देश दिए कि इनकी एक लिस्ट तैयार की जाए और आंकलन किया जाएं कितना नुकसान हुआ है ताकि जितना जल्दी हो सके मुवावजे की रकम इन दुकानदारों को पहुंचाई जा सके। क्यूंकि ज्यादातर दुकानदार रोजाना सब्जी लाकर बेचते हैं और कमाए हुए पैसे से फिर सब्जी लाते हैं। ऐसे में इनकी सारी सब्जी जलने के कारण काम बिल्कुल ठप्प हो जाएगा और उन्हें भारी नुकसान होगा। इसी की भरपाई जल्द से जल्द करने के निर्देश डीएम और एसडीएम को दिए गए।
किसान काट रहा विभागों के चक्कर, जल गई थी फसल
वहीं, दूसरी तरफ बवाना विधानसभा क्षेत्र के हरेवली गांव से किसान योगेश शर्मा इन दिनों बहुत दुखी व परेशान है, किसान ने दिल्ली सरकार के विकास मंत्री गोपाल राय को पत्र लिखकर आर्थिक सहायता (मुआवजे) की मांग भी की थी, लेकिन इस दिशा में भी कुछ नहीं हो सका। पीड़ित किसान केंद्र सरकार के आधीन आने वाली दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार के अधीन आने वाली दिल्ली दमकल विभाग से जली फसल की रिपोर्ट लेने गए तो उन्हें दोनों जगह से रिपोर्ट की जगह सिर्फ आश्वासन मिला। वहीं, दिल्ली सरकार के क्षेत्रीय राजस्व विभाग के पटवारी मौके पर पहुंचे और उनसे जली फसल की रिपोर्ट की मांग की। ऐसी हालत के चलते किसान विभागाें के चक्कर काटकर थक चुका है लेकिन उसको अपनी जली हुई फसल के लिए मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। बता दें कि गत 9 मई को रात के समय उनके खेत में अचानक आग लग गई थी और सूखा भूसा (तूड़ा) व वहीं, पास में रखा कुछ मात्रा में गेंहू वहीं जल कर राख हो गया। इसकी सूचना पुलिस को और दमकल विभाग को दी गई थी। मौके पर पहुंचे उक्त दोनों विभागों ने उस समय चुनाव व्यस्तता का हवाला देकर रिपोर्ट दर्ज नहीं की।
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