अब गोवा को सवारेंगे दक्षिणी निगम के पूर्व निगमायुक्त डॉ.पुनीत कुमार गाेयल



- जनहित के कार्यों में धन की कमी आड़े नहीं आएगी: महापौर
दिल्ली देहात न्यूज टीम: दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के पूर्व निगमायुक्त डॉ. पुनीत कुमार गाेयल का गोवा सरकार में स्थानांतरण कर दिया गया। अब डॉ. गाेयल गोवा सरकार में अब सेवाओं के माध्यम से गोवा को सवारने का कार्य करेंगे। शुक्रवार को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की महापौर सुनीता कांगड़ा ने स्थानांतरण पर गोआ सरकार में जा रहे डाॅ पुनीत कुमार गोयल के लिए विदाई समारोह का आयोजन किया। इसमें विधाई पक्ष के वर्तमान और पूर्व नेता, सभी पार्षद, उच्चाधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए। इन सभी ने दक्षिणी दिल्ली के क्षेत्र की छवि सुधारने में डाॅ. गोयल के योगदान की प्रशंसा की।
इस अवसर पर डाॅ.गोयल ने कहा कि आज जिस सम्मान और सदभाव के साथ मेरी सराहना की गई है, वह मुझे सदैव याद रहेगा। उन्होंने कहा कि वे निगम में साढ़े चार वर्ष के बाद गोआ सरकार में जा रहे हैं, जहां उन्हें पहली बार तैनात किया गया था। डाॅ.गोयल ने कहा कि निगम ने उनके पहले छह महीने और अंतिम छह महीने चुनौतीपूर्ण रहे। पहले छह महीने में वह निगम के कामकाज के बारे में भलीभांति नहीं जानते थे। उसे दौरान उन्होंने निचले स्तर के लोकतंत्र को मज़बूत बनाने के प्रयास किए। डाॅ.गोयल ने यह भी कहा कि अंतिम छह महीनों में उन्हें वित्तीय कठिनाइयों से जूझना पड़ा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि निगम में विधायी पक्ष और कार्याकारी पक्ष दोनों मिलकर राजस्व के नए स्रोतों की पहचान करेंगे। विकास के लिए फंड की आवश्यकता होती है इसलिए नए स्रोत तलाश करना ज़रूरी है। डाॅ. गोयल ने गोआ, केंद्रीय विद्युत मंत्रालय, दिल्ली सरकार, अंडमान और अरूणाचल प्रदेश में अपनी तैनाती के दौरान के अनुभव साझा किए। उन्होंने ने कहा कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने 2015 में ही यह निर्णय लिया था कि सभी पारंपरिक स्ट्रीट लाइट को बिजली की कम खपत और अधिक रोशनी देने वाली एलईडी लाइट से बदला जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि उस समय यह निर्णय लेने वाला दक्षिणी निगम दिल्ली का सबसे पहला निगम था। इस निर्णय के अंतर्गत तीन लाख से अधिक पारंपरिक स्ट्रीट लाइट को कम से कम समय में एलईडी लाइट से बदला गया। महामहिम राष्ट्रपति ने एलईडी क्षेत्र में देश के सभी नगर निगमों में दक्षिणी निगम के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए दक्षिणी निगम को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया। डाॅ. गोयल ने संपत्ति संकलन 950 करोड़ रूपए हो जाने पर विभाग के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने यह कहा कि इस वर्ष यह संकलन एक हज़ार करोड़ रूपए से अधिक होना चाहिए। डाॅ गोयल ने निगम के सदन में अवव्यस्था और शोर शराबे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सदन अगर व्यवस्थित तरीके से चलता है तो कार्यकारी पक्ष को सुचारू रूप से काम करने में बड़ी मदद मिलती है। इससे निचले स्तर का लोकतंत्र भी मज़बूत और सार्थक बनता है। इस अवसर पर महापौर सुनीता कांगड़ा, स्थायी समिति अध्यक्ष शिखा राय, नेता सदन कमलजीत सहरावत, नेता प्रतिपक्ष प्रवीण कुमार, सुभाष आर्य, नरेंद्र चावला, फरहाद सूरी, राधेश्याम शर्मा, भूपेंद्र गुप्ता और आशीष सूद ने भी विचार व्यक्त किए। समारोह में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
महापौर सुनीता कांगड़ा ने डाॅ गोयल को प्रतिभावान, कुशल और सफल प्रशासक बताया। उन्होंने कहा कि उनके बहूमुल्य योगदान से वेस्ट टू वंडर पार्क बनाया गया। इस पार्क में पिछली शताब्दी में बने विश्व के सात मूल अजूबों की हूबहू कृति धातु के स्क्रैप से बनाई गई है। यह देश का ऐसा पहला सात अजूबा पार्क है जिसे बनाने में केवल आठ करोड़ की लागत आई है और इसे 150 टन स्क्रैप से बनाया गया है। यह दिल्ली और एनसीआर का सबसे अधिक पसंदीदा दर्शनीय स्थल है। उन्होंने कहा कि 22 फरवरी 2019 से लेकर अब तक टिकट की बिक्री से निगम को दो करोड़ रूपए से अधिक राशि प्राप्त हुई है। महापौर ने नंदनवन पार्क, गांवों में बंजर भूमि पर हरे भरे पार्क विकसित करने, एक हज़ार से अधिक ओपन जिम लगाने, तीन लाख से अधिक एलईडी लाइट लगाने, इस वर्ष शतप्रतिशत कचरे के प्रबंधन का लक्ष्य तय करने, ईंधन से चालित कारों के बदले इलेक्ट्रिक कारें चलाने, निगम भवनों पर सोलर पैनल लगाकर सौर ऊर्जा उत्पादन करने, ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस की रेंकिग में 129 रैंक का सुधार कर इसे 181 से 52 प्राप्त करने और इस दिशा में किए गए व्यापक सुधारों और संपत्तिकर के राजस्व में अभूतपूर्व वृद्वि के लिए डॉ. गोयल की बुद्विमतता और मार्गदर्शन की प्रशंसा की। महापौर ने कहा कि डाॅ गोयल द्वारा शुरू की गई सभी परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जाएगा और जनहित के कार्यों में धन की कमी आड़े नहीं आएगी।


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