- दिल्ली में हैं कंकरीट के जंगल, अन्य राज्यों से अधिक है गर्मी
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मृतक का फाईल फोटो |
दिल्ली देहात न्यूज टीम
राजधानी दिल्ली में भीषण गर्मी के चलते सभी को परेशानी हो रही है और इस परेशानी को देखते हुए गवर्मेंट स्कूल टीचर्स एसोसिएशन (जीएसटीए) ने दिल्ली सरकार को चताते हुए कहा था कि स्कूलों में चलने वाली कक्षाओं, कैंप आदि को बंद कर दिया जाए, ताकि भीषण गर्मी के प्रकोप से बच्चे, शिक्षक आदि बच जाए। जीएसटीए ने दिल्ली सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए है। एसोसिएशन में वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजबीर छीकारा व महासचिव अजय वीर यादव ने कहा है कि शनिवार को अम्बेडकर नगर सेक्टर-4 में कार्यरत शिक्षक उदय चंद्र झा की घर जाने के बाद मौत हो गई। वे टीजीटी संस्कृत थे। पदाधिकारियों ने संभावना जताई है कि मौत का कारण भीषण गर्मी है और हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, यदि उसमें मौत का कारण गर्मी लगना पाया गया तो सरकार से उदय चंद्र के परिवार की सहायता के लिए एक करोड़ रुपये देने व परिवार के आश्रितों को नौकरी देने की मांग करेंगे। परिवार में कमाने वाला अब कोई नहीं हैं।
- समर कैम्प ने ली शिक्षक की जान....?
जीएसटीए का कहना है कि कल, शनिवार को अम्बेडकर नगर सेक्टर 4 में कार्यरत शिक्षक उदय चंद्र झा टीजीटी संस्कृत भीषण गर्मी में स्कूल से बस में सफर कर अपने घर पहुँचे। घर आयुष विज्ञान नगर जाते ही तबियत खराब की शिकायत की तथा खाना भी नहीं खा पाए। ज्यादा तबियत बिगड़ते देख परिजन उन्हें ऑटो से बतरा अस्पताल ले कर चले तो उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। जीएसटीए पदाधिकारियों ने बताया की शिक्षा मंत्री व विभाग के आला अधिकारियों को पिछले दस दिन से लगातार गर्मी से छात्रों व शिक्षकों के बिगड़ते स्वास्थ्य की शिकायत की जा रही थी तथा छात्रों की कम उपस्तिथि के कारण समर कैम्प और अन्य कक्षाओं को लगाने का कोई लाभ भी नहीं होने की जानकारी दी गयी थी। समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई खबरों पर ना ही शिक्षा मंत्री ने और ना ही विभाग ने कोई गंभीरता दिखाई। परिणाम स्वरूप शिक्षक उदय चंद्र की मौत हो गई। शिक्षक उदय चंद्र के परिवार में अब कमाने वाला कोई नहीं है। एक मात्र सहारा उदय चंद्र थे।
अजय वीर यादव ने बताया की सिर्फ़ दिल्ली में भीषण गर्मी में कक्षाएं लग रही हैं, पूरे भारत में कहीं कक्षाएं नहीं लग रही जबकि कंकरीट पर बसी होने के कारण दिल्ली में अन्य राज्यों से ज्यादा गर्मी होती है। ऐसे में सरकार ने शिक्षकों को छुट्टी लेने पर भी रोक लगा रखी है। गर्मी व तनाव के चलते शिक्षक की मौत की संभावना है। यदि छुट्टियों पर रोक ना होती तो शिक्षक अपने मूल निवास बिहार जाते और शायद तनाव रहित रह कर मोत से बच जाते। शिक्षकों को सलाह है कि यदि स्वास्थ्य ठीक ना हो तो स्कूल न जाए और यही छात्रों को भी बताया जाए।
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