- पौधारोपण कार्यक्रम के तहत लगाए गए 250 पौधे
दिल्ली देहात न्यूज टीम :
देश की राजधानी दिल्ली के अधिकतर निवासी पर्यावरण सरंक्षण के महत्त्व को गंभीरता से नहीं समझ रहे हैं जिसके कारण अपनी सैलरी को दवाइयों पर गंवा रहे हैं। दिल्ली सरकार के सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में सीएमओ डाॅ. मनोज जंगवाल ने डीडीए पार्क में पौधारोपण को लेकर एक आयोजित कार्यक्रम में उक्त जानकारी मौजूद सभी लोगों से सांझा की। इस दौरान डाॅ. मनोज जंगवाल ने बताया कि कई बार संस्थानों ने अपने अनुसंधान में बताया है कि दिल्ली रहने लायक शहर नहीं है। यदि हम पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान नहीं देंगे तो आने वाले दिनों में हम चैन से श्वास भी नहीं ले सकेंगे। वहीं, टाटा पाॅवरडीडीएल के परियोजना प्रमुख दुष्यंत त्यागी ने बताया कि पेड़ों का महत्व इन दिनों बहुत अधिक बढ़ गया है क्योंकि हर दिन बड़ी संख्या में वाहन सड़कों पर आ रहे हैं और वाहनों की संख्या को देखते हुए हमें मानसून के दौरान इससे दस गुणा पौधारोपण करना होगा, तब जाकर आगामी वर्षों में पर्यावरण रहने लायक बन सकेगा। इस दौरान, डीडीए एन डी-4, डीडीए एमपीआर, उद्यान विभाग, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली पुलिस, केईआई, जीई, एपी सिंगला व अन्य कई निजी कंपनियों ने भी कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर अपनी सहभागिता निभाई। इस दौरान करीब 250 पौधे रोपित किए गये।इस अवसर पर समाज सेवी जगदीश खत्री, धर्मबीर खत्री, सतबीर सिंह राणा, साेनिया, टाटा पाॅवर की टीम, आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहें।
- चल रहा है नेशनल कायाकल्प परियोजना पर कार्य
सीएमओ डॉ. मनोज जंगवाल ने बताया कि पर्यावरण और पक्षियों के संरक्षण के लिए उन्होंनें नेशनल कायाकल्प योजना पर कार्य करना शुरू कर दिया है। पिछले करीब तीन साल से इस परियोजना पर कार्य चल रहा है। इसके तहत जगह-जगह पौधारोपरण किया जाएगा और मौरों, चिड़िया आदि पक्षियों के संरक्षण को लेकर भी कार्य चल रहा है। विभिन्न निजी कंपनियां उनके साथ उक्त परियोजना में जुड़ चुकी हैं लेकिन यह कार्य विशाल है और इसके लिए अधिक लोगों व फंड की आवश्यकता पड़ रही है। इसकी मदद के लिए लोग हमें ऑक्सीजन विलेज डॉट कॉम पर जाकर हमारी उक्त परियोजना को साकार करने में मदद कर सकते हैं।
- आवारा पशुओं व जानवरों पर नकेल जरूरी
डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि पौधारोपण तभी असल मायनों में सफल हो पायेगा जब नगर निगम अपनी ड्यूटी का निर्वाह करते हुए आवारा पशुओं व जानवरों पर नकेल कसेगी। बताया जाता है कि पौधे जब बड़े होते हैं तो इन्हें आवारा पशु व जानवर अपना चारा बना लेते हैं जिसके चलते पेड़ नहीं बन पाते हैं। हम दिल्ली नगर निगम से अपील करेंगे कि इस तरफ गंभीरता से ध्यान दें और पौधों की रक्षा करें ताकि वे बड़े व विशाल होकर दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बना सकें।
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