- फेज़-चार के लिए भूमिगत निर्माण कार्य किया सफलतापूर्वक पूरा
Mcd Live News नई दिल्ली
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने बुधवार को फेज़-चार के निर्माण कार्य के तहत पहली ट्विन टनल्स (जुड़वा सुरंग) की खुदाई का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया। डीएमआरसी मे कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि पुलबंगश मेट्रो स्टेशन पर दो टनल बोरिंग मशीनें (टीबीएम), ‘भूमि’ और ‘सृष्टि’, एक साथ बाहर निकाली गईं, जिससे जनकपुरी पश्चिम, आर. के. आश्रम कॉरिडोर (मैजेंटा लाइन एक्सटेंशन) पर डेरावल नगर को पुलबंगश से जोड़ने वाली 3 कि.मी. लंबी ट्विन टनल्स की खुदाई का कार्य पूरा हो गया। इस कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र और डीएमआरसी के एमडी डॉ. विकास कुमार उपस्थित रहे। यह पहली बार है कि जब समानांतर सुरंग खोदने के बाद एक साथ दो टीबीएम बाहर आई हैं। यह एक बड़ी इंजीनियरिंग उपलब्धि है क्योंकि इंजीनियरों को दो समानांतर मशीनों के कामकाज पर बारीकी से नजर रखनी होती है। इस खंड पर 18 जून 2023 को ‘भूमि’ नामक टीबीएम उतारे जाने के साथ सुरंग निर्माण का कार्य शुरू हुआ था, उसके बाद 19 अगस्त 2023 को ‘सृष्टि’ को उतारा गया था।
- फेज चार के निर्माण कार्य में यह सबसे लंबा सुरंग खंड
डीएमआरसी प्रशासन ने बताया कि दोनों टीबीएम को बुधवार को पुल बंगश मेट्रो स्टेशन पर सफलतापूर्वक बाहर निकाला गया, इस कार्य में मात्र 14 महीनों में ही प्रति टनल प्रतिदिन औसतन 8.2 मीटर की गति से लगभग 2997 मीटर टनल खुदाई का कार्य किया गया। डीएमआरसी के फेज चार के निर्माण कार्य में यह सबसे लंबा सुरंग खंड (लगभग 3 कि.मी.) भी है। सुरंगें, जमीन से लगभग 14-15 मीटर की गहराई पर बनाई गई हैं, जो राणा प्रताप बाग और पंजाबी बस्ती कॉलोनी जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों से होकर गुजरेंगी। वे सुरंगें नजफगढ़ नाले के नीचे से भी गुजरेंगी, जो नाले की अनिश्चित संरचनात्मक स्थिति के कारण एक संवेदनशील खंड है। जलमग्न जैसी परिस्थितियों में सुरंग खोदने के बावजूद, किसी भी मौजूदा स्ट्रक्चर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
- डीएमआरसी ने सुरंग निर्माण में अपनी पिछली उपलब्धियों को और अधिक किया मजबूत
डीएमआरसी प्रशासन के अनुसार पुलबंगश में इन ट्विन टनल्स की सफलता के साथ ही, डीएमआरसी ने सुरंग निर्माण में अपनी पिछली उपलब्धियों को और अधिक मजबूत किया है। टीबीएम के माध्यम से घंटा घर जैसे क्षेत्र में भी खुदाई करनी पड़ी, जहां उन्हें पूरा करना बेहद मुश्किल था। सुरंगों का आंतरिक व्यास 5.8 मीटर है और परिचालनिक संरक्षा की दृष्टि से दोनों सुरंगों को जोड़ने के लिए कुल छह क्रॉस-पैसेज का निर्माण किया गया है। इस सिविल पैकेज का कान्ट्रैक्टर मेसर्स एफकॉन्स है। यह सफलता 21 अगस्त, 2024 की एक और बड़ी उपलब्धि के बाद मिली है। जब डीएमआरसी ने दिल्ली एरोसिटी - तुगलकाबाद कॉरिडोर की छतरपुर मंदिर साइट पर टीबीएम का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया था।
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