केजरीवाल के दस साल में 2024-25 का बजट दिल्ली के इतिहास का पहला घाटे का बजट बन चुका है : सचदेवा




केजरीवाल के दस साल में 2024-25 का बजट दिल्ली के इतिहास का पहला घाटे का बजट बन चुका है  : सचदेवा

- वित्तीय स्थिती आज इतनी खराब है की शायद दिसम्बर 2024 से दिल्ली सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन भी नही दे पायेगी 
- केजरीवाल ने सत्ता के दस साल सत्ता संघर्ष की भेंट चढ़ा दिये और आज दिल्ली को ऐसे आर्थिक मिसमेनेजमेनट में झोंक दिया है जहां विकास तो ठप्प हो ही गया है अब तो जन हितकारी योजनाएं भी रूकती नजर आ रही हैं

Mcd live News नई दिल्ली 10 अक्टूबर 

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि गत दस साल से दिल्ली वाले अरविंद केजरीवाल के बड़े बड़े फरेबी दावों के बीच ही एक दावा यह भी सुनते रहे हैं कि हमारी सरकार का बजट सरप्लस बजट है और इसी कथन की आड़ मे यह दुनिया भर की नई योजनाएं बिना नये आर्थिक संसाधनों को विकसित किये लाते रहे।

दस साल के आर्थिक मिसमेनेजमेनट का नतीज़ा है कि जिस दिल्ली को 1994-95 में भाजपा की मदनलाल खुराना ने पहला सरप्लस बजट दिया था और उसी मजबूत नींव से 2022-23 तक सभी सरकारें सरप्लस बजट लाती रहीं पर उस दिल्ली में आज चालू योजनाओं की पूर्ति के लिए पैसा नहीं है।

अरविंद केजरीवाल के दस साल के आर्थिक मिसमेनेजमेनट का परिणाम है कि 2023-24 में फिसली आर्थिक स्थिति के चलते अब 2024-25 का बजट दिल्ली के विधाई इतिहास का पहला घाटे का बजट बन चुका है। सरकार के पास 2024-25 की बजट योजनाओं को पूरा करने के भी लिक्विड फंड नहीं और वित्तीय स्थिती आज इतनी खराब है कि शायद दिसम्बर 2024 से दिल्ली सरकार अपने कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दे पायेगी।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि अक्सर बजट घाटा तब होता है जब रेवेन्यू खर्च के मुकाबले कम हो पर दिल्ली सरकार का रेवेन्यू साल दर साल बढ़ रहा है। बढ़ते रेवेन्यू के बावजूद केजरीवाल सरकार के बजट के घाटे में जाने का मूल कारण है बिना आर्थिक संसाधन जुटाये जन हितकारी योजनाएं लागू कर देना पर योजनाबद्ध कार्यों को बजट मे डाल कर भी उनके लिए समयबद्ध रेवेन्यू प्रावधान ना करना।

आज दिल्ली को पावर सब्सिडी, ट्रांसपोर्ट विभाग, सिंचाई विभाग, निर्माणाधीन अस्पतालों, मेट्रो, न्यायालय परिसर एवं न्यायालय वेतन खर्च वृद्धि आदि तक के लिए 7000 करोड़ रुपए चाहिए पर दिल्ली सरकार के पास इनके लिए एक पैसा तक नहीं है। केन्द्र सरकार के साथ मिलकर जो योजनाएं लागू होनी होती है उनका भी दिल्ली सरकार द्वारा अपना हिस्सा टाइम पर ना देने के कारण वह भी रूक गई हैं।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष सचदेवा ने कहा है कि दुर्भाग्यपूर्ण है किअरविंद केजरीवाल ने सत्ता के दस साल सत्ता संघर्ष की भेंट चढ़ा दिये और आज दिल्ली को ऐसे आर्थिक मिसमेनेजमेनट में झोंक दिया है जहां विकास तो ठप्प हो ही गया है अब तो जन हितकारी योजनाएं भी रूकती नजर आ रही हैं।

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