खेतड़ी विसर्जन में धार्मिक और पर्यावरणीय सम्मान बनाए रखें, नालों में ना फैंके : योगेश वर्मा


खेतड़ी विसर्जन में धार्मिक और पर्यावरणीय सम्मान बनाए रखें, नालों में ना फैंके : योगेश वर्मा 

- खेतड़ी को नालों में न फेंकें श्रद्धालु जन
- खेतड़ी विसर्जन के लिए सभी लोग अपने घर, मंदिर या RWA के कार्यालय के आसपास एक ड्रम रखें, जिसमें खेतड़ी डाली जा सके
- हेल्पलाइन नंबर जारी किए 

Mcd Live News नई दिल्ली,10 अक्टूबर 2024

नवरात्रि के उपरांत प्रत्येक घर में बोई गई खेतड़ी को पारंपरिक रूप से बहते पानी में विसर्जित किया जाता है, जो हमारी श्रद्धा और धार्मिक आस्था का प्रतीक है। लेकिन दिल्ली में बहते जलस्रोतों की अनुपलब्धता के कारण कई बार लोग इसे नालों में विसर्जित कर देते हैं, जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है और पर्यावरण दूषित होता है। इसी समस्या के समाधान हेतु आज केशवपुरम ज़ोन के अध्यक्ष योगेश वर्मा (एडवोकेट) ने निगम कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। बैठक में सभी सेनेटरी इंस्पेक्टर, सेनेटरी सुपरीटेंडेंट और अभियंता विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।  योगेश वर्मा ने सभी सेनेटरी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने क्षेत्रों की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों (RWA), मंदिर के प्रधानों और पुजारियों से संपर्क करें और उन्हें जागरूक करें कि खेतड़ी को नालों में न फेंकें। उन्होंने सुझाव दिया कि खेतड़ी विसर्जन के लिए सभी लोग अपने घर, मंदिर या RWA के कार्यालय के आसपास एक ड्रम रखें, जिसमें खेतड़ी डाली जा सके। खेतड़ी जिस मिट्टी के बर्तन में बोई गई थी, उसे पानी भरकर छत पर रखें ताकि पक्षियों के लिए पीने का पानी उपलब्ध हो सके। इसके साथ ही, यदि घर में कोई खंडित मूर्ति, फूलमाला या पूजन सामग्री हो, तो उसे भी इसी ड्रम में डालें।
योगेश वर्मा ने आगे बताया कि नगर निगम के अधिकारी इन ड्रमों को इकट्ठा करेंगे और इन्हें पर्यावरण अनुकूल तरीकों से पार्कों या खाद प्लांट में ले जाकर विसर्जित करेंगे, जिससे न केवल धार्मिक भावनाओं का सम्मान होगा, बल्कि पर्यावरण भी संरक्षित रहेगा। इसके लिए नागरिक अपने क्षेत्रीय निगम पार्षद या सेनेटरी इंस्पेक्टर से संपर्क कर सकते हैं। इस प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 011- 27183147, 011- 27183149 भी जारी किया गया है, जिस पर RWA और मंदिरों के पुजारी संपर्क कर सकते हैं। ओर अपने निगम पार्षद से भी सम्पर्क कर सकते है।

योगेश वर्मा ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि अष्टमी, नवमी और दशहरे के अवसर पर पूरे क्षेत्र में स्वच्छता सुनिश्चित की जाए। मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों पर नियमित रूप से सफाई की जाए और दवाओं का छिड़काव किया जाए ताकि स्वच्छता और स्वास्थ्य दोनों का ध्यान रखा जा सके।


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