पीएम मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य को संकीर्ण दायरे से बाहर लाने का किया गया प्रयास : जे.पी.नड्डा



पीएम मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य को संकीर्ण दायरे से बाहर लाने का किया गया प्रयास : जे.पी.नड्डा

- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा ने किया ठश्रडथ्ब्व्छ 2024 का उद्घाटन 

- बिहार-झारखंड मेडिकल फोरम में जेपी नड्डा ने दिया संबोधन


Mcd Live News नई दिल्ली, 20 अक्टूबर 2024 


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को दिल्ली में बिहार और झारखंड मेडिकल फोरम द्वारा आयोजित बीजेएमएफ कार्यक्रम -2024 का उद्घाटन किया। उन्होंने इस सम्मेलन का उद्घाटन वरिष्ठ डॉक्टरों के एक प्रतिष्ठित पैनल के साथ किया। इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य को एक दायरे से बाहर लाने और इसे एक साथ देखने का प्रयास किया है। नड्डा ने कहा कि वर्ष 2017 में बनी नई स्वास्थ्य नीति के तहत हमने इसे एक समग्र स्वास्थ्य नीति के रूप में आगे बढ़ाने का प्रयास किया है। पहले सिर्फ उपचार पर जोर था, अब रोकथाम पर है। इसे समग्र रूप से देखने का प्रयास है। अब हम आयुष्मान आरोग्य मंदिर में बदल गए हैं और हम इसकी गुणवत्ता का मूल्यांकन कर रहे हैं।“ सम्मेलन का विषय, “करंट मेडिकल चैलेंज्स इन इंडिया : ए फोकस ऑन बिहार-झारखंड था। वहीं, बिहार झारखंड मेडिकल फोरम के सदस्य और कैंसर सर्जन डॉ. अंशुमान कुमार ने विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों में प्रारंभिक पहचान और रोकथाम के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बीजेएमएफ स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को बेहतर बनाने में प्रभावशाली योगदान दे रहा है और यह सुनिश्चित करना हमारा सामूहिक कर्तव्य है कि बिहार और झारखंड के हर कोने तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचे। इस मौके पर नड्डा ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि बीजेएमएफ कार्यक्रम सामाजिक, शैक्षणिक और वैज्ञानिक कार्यक्रमों को आगे ले जा रहा है। इसका मतलब है कि आप सभी डॉक्टर बन गए हैं और यथासंभव समाज की सेवा की है और एकजुट प्रयास में इसने समाज तक पहुंचने और आपको जो दिया है उसे वापस करने का प्रयास किया है।“ इसके अलावा, उन्होंने सम्मेलन के पीछे वैज्ञानिक सत्र के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं।



नड्डा ने अपने उद्घाटन भाषण के दौरान बिहार और झारखंड में स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाने में मंच की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने वैज्ञानिक सत्रों, संगोष्ठियों और पैनल चर्चाओं की मेजबानी में बीजेएमएफ के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा, बीजेएमएफ से कई डॉक्टर जुड़े हुए हैं और आपका योगदान असाधारण है। उन्होंने चिकित्सा पेशेवरों के अनुरोधों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार स्वास्थ्य कर्मियों को हिंसा से बचाने के लिए एक केंद्रीय अधिनियम पर सक्रिय रूप से विचार कर रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि हम इन अनुरोधों को सकारात्मक तरीके से लेंगे।

बिहार झारखंड मेडिकल फोरम के सदस्य डॉ. राकेश नाथ प्रसाद ने स्थायी स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे के निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बीजेएमएफ केवल चर्चा के लिए नहीं बल्कि कार्रवाई के लिए एक मंच है। अपने प्रयासों के माध्यम से हम प्रारंभिक पहचान, बीमारी की रोकथाम और मजबूत उपचार सुविधाओं के लिए मजबूत प्रणाली का निर्माण करेंगे। यह मंच ऐसे समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है जो कार्रवाई योग्य और दूरगामी हों।


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