रामलीला में दक्ष यज्ञ, सती का प्राण त्याग और शिव-पार्वती प्रसंग का वर्णन


रामलीला में दक्ष यज्ञ, सती का प्राण त्याग और शिव-पार्वती प्रसंग का वर्णन

- भगवान को ही अपना सर्वस्व मानना सच्ची भक्ति : स्वामी प्रेमानंद महाराज

Mcd Live News नई दिल्ली  

सरोजनी नगर के दशहरे ग्राउंड में श्री दशहरा समिति द्वारा भव्य श्री राम कथा के तीसरे दिन हरिद्वार से पधारे स्वामी प्रेमानंद महाराज ने दक्ष यज्ञ, सती का प्राण त्याग और शिव-पार्वती प्रसंग का वर्णन किया। स्वामी प्रेमानंद ने कहा कि यदि हमें पद का मद है तो हम दक्ष समान है। अहंकारी व्यक्ति भौतिक तरक्की तो कर सकता है किंतु अध्यात्मिक मार्ग में उसकी तरक्की मुश्किल है। भगवान को ही अपना सर्वस्व मानना सच्ची भक्ति है। सम्मान और सुख चाहने से नहीं मिलता बल्कि बाटने से मिलता है। भगवान ने इस संसार में ऐसी व्यवस्था बनायी है कि जो तुम बाटोगे वही तुम्हें मिलेगा इसलिए सम्मान पाने की कामना छोड़कर सबको सम्मान देने का अभ्यास करो तो तुम जगत पूज्य हो जाओगे। श्रीराम विग्रहवान धर्म है, श्री राम मर्यादा की प्रतिमूर्ति है इसलिये उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है।  
             समिति के चेयरमैन आदेश कुमार गुप्ता ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का चरित्र जन जन के हृदय में वास करता है, तभी हर वर्ष यह उत्सव अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है और इस वर्ष भी सरोजनी नगर के निवासी दशहरा ग्राउंड में मन में पूर्ण निष्ठा और समर्पण के साथ उपस्थित हो रहे हैं। प्रभु श्री राम की असीम अनुकम्पा सभी को प्राप्त हो यही उनके श्री चरणों में मेरी प्रार्थना है।


Comments