पूसा कृषि विज्ञान मेले में एक लाख से अधिक किसानों ने लिया भाग

 



पूसा कृषि विज्ञान मेले में एक लाख से अधिक किसानों ने लिया भाग

- पूसा कृषि विज्ञान मेला 2025 सफलता के साथ हुआ संपन्न
- 300 नवीनतम कृषि तकनीकों को प्रदर्शित किया  


नई दिल्ली MCD LIVE NEWS 

दिल्ली में तीन दिवसीय पूसा कृषि विज्ञान मेला 2025 सोमवार को उत्साहपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। पूसा प्रशासन ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इस मेले ने किसानों को ज्ञान, तकनीक और संसाधनों से सशक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया। यह आयोजन कृषि परिवर्तन को बढ़ावा देने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और कृषि क्षेत्र को भविष्य की चुनौतियों के प्रति अधिक सशक्त बनाने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह तीन दिवसीय आयोजन कृषि नवाचार, सतत विकास, और प्रौद्योगिकी-संचालित समाधानों को किसानों तक पहुंचाने के लिए समर्पित था। समापन दिवस पर किसानों, कृषि वैज्ञानिकों, उद्योग जगत के नेताओं और नीति निर्माताओं की भारी भागीदारी देखी गई। एक लाख से अधिक किसानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और 300 नवीनतम कृषि तकनीकों का अवलोकन किया, जो उत्पादकता बढ़ाने और स्थायित्व को बढ़ावा देने के लिए विकसित की गई हैं।
       
सोमवार को प्रमुख गतिविधियों में युवा और महिला उद्यमिता विकास पर तकनीकी सत्र शामिल था, जिसकी अध्यक्षता आईसीएआर-आईएआरआई के पूर्व निदेशक डॉ. ए.के. सिंह और आईएआरआई में डीन एवं संयुक्त निदेशक (शिक्षा), व सह-अध्यक्ष डॉ. अनुपमा सिंह रहीं। इस सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. वी.वी. सदामाते, योजना आयोग के पूर्व सलाहकार थे। सत्र में प्रमुख विषयों जैसे कि वर्टिकल फार्मिंग, हाइड्रोपोनिक्स, संरक्षित खेती, पुष्प कृषि-आधारित उद्यमों और मशरूम उत्पादन पर चर्चा की गई। इस दौरान युवा और महिला किसानों को कृषि-उद्यमिता को अपनाने के लिए प्रेरित करने के महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए।

पूसा प्रशासन ने बताया कि इसके अतिरिक्त, नवाचारशील किसानों की बैठक (इनोवेटिव फार्मर्स’ मीट) का आयोजन किया गया, जिसमें प्रगतिशील किसानों को अपने सफलता के अनुभव और उन्नत तकनीकों को साझा करने का अवसर मिला। इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. राजबीर सिंह, डीडीजी (विस्तार), आईसीएआर ने की, जबकि डॉ. जे.पी. शर्मा, पूर्व कुलपति, एसकेयूएएसटी, जम्मू, मुख्य अतिथि रहे। इस अवसर पर उत्कृष्ट किसानों और शोधकर्ताओं को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

पूसा कृषि विज्ञान मेला 2025 के समापन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव और महानिदेशक थे। अपने संबोधन में, उन्होंने जलवायु-स्मार्ट कृषि की आवश्यकता पर जोर दिया और सतत कृषि तकनीकों तथा आधुनिक प्रौद्योगिकी समाधानों के समावेश का आह्वान किया, जिससे खाद्य उत्पादन में स्थायित्व सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने किसानों को पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक नवाचारों का समावेश कर दीर्घकालिक कृषि स्थायित्व सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया।

आईसीएआर-आईएआरआई के निदेशक डॉ. सी.एच. श्रीनिवास रावने भी सभा को संबोधित किया और जलवायु-प्रतिकारक (क्लाइमेट-रेसिलिएंट) फसलों तथा उन्नत कृषि तकनीकों को अपनाने पर बल दिया, जिससे जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को कम किया जा सके। उन्होंने सतत कृषि उत्पादकता बनाए रखने के लिए निरंतर अनुकूलन और वैज्ञानिक प्रगतिकी आवश्यकता को दोहराया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आर.एन. पडारिया, संयुक्त निदेशक (विस्तार), आईसीएआर-आईएआरआई, द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने सभी गणमान्य व्यक्तियों, प्रतिभागियों, हितधारकों और देशभर के किसानों का आभार व्यक्त किया, जिनके योगदान से यह आयोजन सफल बना।




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