यमुना में सर्वेक्षण के नाम पर फोटो खिंचवाने का काम कर रहे हैं भाजपा सरकार की सीएम, मंत्री : देवेन्द्र यादव







- दिल्ली सरकार यमुना में बढ़ते जहरीले और प्रदूषित जल को साफ और स्वच्छ करने हेतू तत्काल कदम उठाए
- यमुना में सीवेज पानी की वजह से 6400 गुणा दूषित पानी पाया जाना चिंताजनक

नई दिल्ली MCD LIVE NEWS 

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और मंत्री भी आम आदमी पार्टी की भांति यमुना में सर्वेक्षण के नाम पर फोटो खिंचवाने का काम कर रहे हैं, कार्य योजना को कार्यान्वित करने में संवेदनशीलता अभी तक कहीं दिखाई नहीं दी। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने यमुना में लगातार घुलते जहर पर चिंता जताते हुए भाजपा सरकार पर उक्त आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को यमुना के प्रदूषित जहरीले जल की स्वच्छता और गुणवत्ता पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए क्योंकि एनजीटी के निर्देशानुसार दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी यमुना के जल की क्वालिटी चेक की मासिक रिपोर्ट में उजागर हुआ है कि तय मानकों अनुसार 8 जगह के सैंपल की रिपोर्ट में यमुना के पानी में 6400 गुणा दूषित जल पाया गया है। यह रिपोर्ट केजरीवाल शासन के दौरान भी आती थी। यमुना सफाई और भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाकर सत्ता में आई भाजपा सरकार पिछले 1 महीने से जनता से किए वादों को दरकिनार कर दिल्ली वालों के साथ धोखा कर रही है।

देवेन्द्र यादव ने कहा कि यमुना का पानी अभी पीने योग्य नहीं है जो चिंताजनक है। यमुना की यह स्थिति लम्बे समय से असंशोधित सीवेज और इंडस्ट्रियल वेस्ट घुलने के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि यमुना सफाई, कूड़े के पहाड़ अथवा दिल्ली की सड़कों की खस्ताहाल, हर विषय पर भाषण और बयान सब केजरीवाल की कार्यशैली से मिलते जुलते प्रदर्शित हो रहे है। देवेन्द्र यादव ने कहा कि एक से दो महीनों में भीषण गर्मी होने पर दिल्ली में जल संकट हर वर्ष होता रहा है, भाजपा सरकार को दिल्ली जल बोर्ड को जल संशोधित क्षमता बढ़ाने के दिशा निर्देश जारी करने चाहिए ताकि दिल्ली वालों को जल संकट झेलना न पड़े और भाजपा अपने वायदे अनुसार दिल्ली वालों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने के प्रति योजनाबद्ध तरीके से काम करे क्योंकि पिछले 11 वर्षों से दिल्ली को जल संकट झेलना पड़ रहा है और गर्मियों में आधी से ज्यादा दिल्ली में हाहाकार मचता था।

यादव ने भाजपा सरकार से कहा कि दिल्ली वालों को जल संकट का सामना न करना पड़े इसके लिए भाजपा सरकार को समय रहते कार्य योजना बनानी होगी। यादव ने कहा कि यमुना में मानव वेस्ट फेकल केलीफार्म और बॉयोलोजिकल आक्सीजन डिमांड का स्तर बढ़ना चिंता जनक है। पिछले कुछ महीनों में मानव वेस्ट बढ़ने से दिसम्बर 2024 में फेकल केलीफार्म का स्तर 8.4 मिलीयन यूनिट प्रति 100 एमएल था वो फरवरी में 16 मिलीयन यूनिट प्रति 100 एमएल हो गई है। जबकि रिपोर्ट अनुसार दिसम्बर 2020 के बाद मानव वेस्ट का स्तर अधिक बढ़ा है। जल में बीओडी ऑक्सीजन का स्तर 3 एमजी प्रति लीटर या कम होना चाहिए, जो जलीय जीवन के लिए आवश्यक है, परंतु यमुना से लिए गए 8 सैंपल में पल्ला में इसका स्तर 6 एमजी प्रति लीटर और असगरपुर में इसका स्तर 72 एमजी प्रति लीटर पाया गया जो मानकों से 24 गुणा अधिक है, क्योंकि दिल्ली के नालों का मलमूत्र का दूषित जल बिना ट्रीट किए सीधा यमुना में डाला जा रहा है।

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