पिछली सरकार ने कुप्रबंधन और लापरवाही के माध्यम से किया डीटीसी को बर्बाद : सीएम रेखा गुप्ता
- कैग की रिपोर्ट के अनुसार डीटीसी पर 60,741 करोड़ रुपए का कर्ज
- डीटीसी की बसों की संख्या 2015 में 4344 से घटकर 2023 में 3937 रह गई
-दिल्ली के सभी आईएसबीटी को आधुनिक मल्टी-स्टोरी परिसरों के रूप में किया जाएगा विकसित -सीएम रेखा गुप्ता
- डीटीसी को ऐसी स्थिति में ले जाएंगे जहाँ नुकसान नहीं राजस्व उत्पन्न होगा
- महिलाओ को बसों में मुफ्त सेवा मिलती रहेगी
-दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में सुधार के लिए दृढ़ संकल्पित है हमारी सरकार
नई दिल्ली, 28 मार्च ,2025
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज डीटीसी की साग रिपोर्ट पर बताया कि कैग की रिपोर्ट के अनुसार डीटीसी पर 60,741 करोड़ रुपए का कर्ज हो चुका है। डीटीसी की बसों की संख्या 2015 में 4,344 से घटकर 2023 में 3,937 रह गई। हमारी सरकार दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में सुधार के लिए दृढ़ संकल्पित है। इसके लिए दिल्ली के सभी आईएसबीटी को आधुनिक मल्टी-स्टोरी कमर्शियल परिसरों के रूप में विकसित किया जाएगा।
सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि कैग की यह रिपोर्ट डीटीसी की 2015-16 से 2021-22 तक की स्थिति का विश्लेषण करते हुए दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के सामने आने वाले गंभीर मुद्दों को उजागर करती है। पिछली सरकार के कार्यकाल में डीटीसी और दिल्ली परिवहन को जिस तरह से कुप्रबंधन और लापरवाही के माध्यम से बर्बाद किया गया, वह बेहद चिंताजनक है। डीटीसी, जो न केवल दिल्ली की जरूरतों को पूरा कर सकता था बल्कि लाभ कमाने वाली एक प्रमुख एजेंसी बन सकता था, उसे ऐसी स्थिति में पहुंचा दिया गया जहां केवल घाटा ही घाटा है। संचयी घाटा ₹60,741 करोड़ तक पहुंच गया है, जबकि परिचालन घाटा ₹14,198 करोड़ का हुआ।
सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि डीटीसी को जिस बुरी स्थिति में पहुंचा दिया गया है, उसका मुख्य कारण था पिछली सरकार में काम करने की इच्छाशक्ति का अभाव, उचित निगरानी की कमी और सरकार का ध्यान केवल विज्ञापनों पर केंद्रित होना। दिल्ली में निर्धारित 814 बस रूट में से केवल 468 रूटों पर ही बसें चल रही थीं। जब बसें रूट पर नहीं चलेंगी, तो न जनता को सुविधा मिलेगी, न टिकट बिक्री से आय होगी। इसके अलावा, बसों के समय पर न चलने और खराब होने के कारण सरकार को ₹668 करोड़ का नुकसान हुआ। सरकार को केंद्र से ₹233 करोड़ बसों की खरीद के लिए मिले, लेकिन वह राशि भी खर्च नहीं की गई | पिछली सरकार के लोगों का ध्यान आखिर था कहां? आज भी ये यहां बैठकर शोर मचाते हैं, लेकिन जब सीएजी पर चर्चा करने का समय आता है, तो इनमें अपनी गलतियां सुनने की हिम्मत नहीं होती। इन्हें तो बस हर मुद्दे पर दूसरों पर उंगली उठाने की आदत हो गई है, चाहे कोई वास्तविक मुद्दा हो या न हो।
उन्होंने बताया कि 2015 में डीटीसी के पास 4,344 बसें थीं, जो घटकर 2023 में 3,937 रह गईं। सुप्रीम कोर्ट ने 2007 में कहा था कि दिल्ली में 11,000 बसों की जरूरत है, लेकिन 2023 तक केवल 3,937 बसें ही उपलब्ध हो पाईं। टिकटिंग को लेकर केजरीवाल जी ने कहा था कि महिलाओं को टिकट नहीं मिल रही। असल में, महिलाओं को टिकट तो मिल रही है, लेकिन विपक्ष को उनका हिस्सा नहीं मिल रहा है , और यही बात केजरीवाल को खल रही है। अब, जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार आ गई है, तो ये समझ नहीं पा रहे कि क्या करें?
सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली ने दो एजेंसी परिवहन विभाग में काम करती है एक डीटीसी और एक डिम्ट्स । डीटीसी और डिम्ट्स के साझे प्रोजेक्ट में भी घोटाला किया गया। डिम्ट्स में दिल्ली सरकार का 50% और आईडीएफसी का 50% हिस्सा था। 2023 में केपीएमजी ने डिम्ट्स का मूल्यांकन 85 करोड़ किया गया, जिसका 50% करीब 43 करोड़ रुपए बनता है। आईडीएफसी ने अपने शेयर दिल्ली सरकार को बेचने की पेशकश की, लेकिन दो साल तक फाइल पर कोई निर्णय नहीं हुआ। आखिरकार, आईडीएफसी ने ये शेयर मात्र ₹10 करोड़ में एक प्राइवेट कंपनी बीटीपीएल को बेच दिए, जिसमें 70% हिस्सेदारी एक रूसी कंपनी की है। आखिर इसके पीछे क्या षड्यंत्र था कि शेयर को केवल 10 करोड़ रुपये में बेच दिया गया, और सरकार ने वह शेयर खरीदने का निर्णय क्यों नहीं लिया? अगर सरकार चाहती, तो 10 करोड़ रुपये की राशि देना कोई बड़ी बात नहीं थी। आज कॉर्पोरेशन में, एक निजी कंपनी का 50 प्रतिशत शेयर हो गया है। और अगर यह 50 प्रतिशत का शेयर केवल 10 करोड़ रुपये में बेचा गया है, तो इसका मतलब है कि पूरी कॉर्पोरेशन की वैल्यू मात्र 20 करोड़ रुपये आंकी गई है। आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? यह किस तरह का घोटाला है? क्यों इस प्रकार का निर्णय लिया गया? यह 10 करोड़ रुपये में शेयर क्यों दिया गया?
सीएम रेखा गुप्ता ने आगे कहा कि डीटीसी की इस दुर्दशा का कारण पिछली सरकार की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार था। बस डिपो और आईएसबीटी जैसे संसाधनों का भी सही तरीके से उपयोग नहीं किया गया, जबकि इनसे राजस्व उत्पन्न किया जा सकता था। बसों पर भी विज्ञापन लगाकर अतिरिक्त आय का साधन बनाया जा सकता था। लेकिन पिछली सरकार द्वारा इस दिशा में कोई सोच-विचार नहीं किया, न ही कोई प्रयास किया। इसके बजाय, केवल मोटी अनुदान राशि देकर डीटीसी को निर्भर और कमजोर बना दिया गया । आज डीटीसी अगर चल रही है, तो केवल सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान राशि के सहारे, जो कि उसका एकमात्र आय का स्रोत बनकर रह गया है।
उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान में डीटीसी की बसों की कमी के कारण 4,000 बस ड्राइवर बिना काम के बैठे हैं और उन्हें सरकार वेतन दे रही है। डीटीसी को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है, ताकि जनता को बेहतर सेवाएं मिल सकें और डीटीसी एक लाभकारी संगठन के रूप में कार्य कर सके। साथ ही केंद्र सरकार ने फेम-I और फेम-II के तहत ₹49 करोड़ की सहायता दी, लेकिन इसके बावजूद बसें नहीं खरीदी गईं। यह दर्शाता है कि सरकार की प्राथमिकताएं जनता की सेवा नहीं , कहीं और ही थीं।
डीटीसी कि कार्यप्रणाली को सुधारने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि सरकार ने अब सभी व्यवस्थाओं को अपने हाथ में लेकर यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया है कि डीटीसी को दोबारा से सशक्त और सक्रिय बनाया जाए। हम डीटीसी को एक ऐसी स्थिति में ले आएंगे जहां नुकसान नहीं, बल्कि राजस्व उत्पन्न होगा और जनता को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। मुफ्त बस सेवा के नाम पर जो भ्रष्टाचार किया गया था, उसके लिए पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। अब कार्ड सिस्टम लागू किया जाएगा, जिससे महिलाओं को टिकट लेने की आवश्यकता नहीं होगी और वे मुफ्त में किसी भी बस में और कही भी सफर कर सकेंगी। इससे यह भी पता चल सकेगा कि कितने लोग और कितनी बार इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। फिलहाल, दिल्ली को यह तक नहीं पता कि कितनी महिलाएं बसों में सफर कर रही हैं, क्योंकि ऐसा कोई सिस्टम मौजूद नहीं है जो इन आंकड़ों को सटीकता से दर्ज कर सके। हम डीटीसी की सेवाओं को पुनर्जीवित करने और महिलाओं को बेहतर परिवहन सुविधाएं देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। इसके तहत नए बस शेल्टर, आधुनिक बस डिपो, इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद और उनके लिए चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। साथ ही, दिल्ली के सभी आईएसबीटी को आधुनिक मल्टी-स्टोरी कमर्शियल परिसरों के रूप में विकसित करने का भी हमारी सरकार की योजना है। हम किसी भी एजेंसी को कर्ज में डूबते या गर्त में जाते हुए नहीं देख सकते। हमारे प्रयासों से न केवल जनता के साथ किए गए वादे पूरे होंगे, बल्कि हमारी व्यवस्थाएं भी मजबूत और सक्षम बनेंगी।
सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि डीटीसी में किए गए इन घोटालों और घोर कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। हम मांग करते हैं कि सीएजी रिपोर्ट को पीएसी (सार्वजनिक लेखा समिति) को भेजा जाए, ताकि इन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई हो और डीटीसी को पुनर्जीवित करने के ठोस प्रयास किए जा सकें। हमारा संकल्प है कि डीटीसी को एक बार फिर से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
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