विधान सभा अध्यक्ष छिपा रहे भाजपा के डबल इंजन सरकार की नाकामी, सदन में कानून व्यवस्था पर नहीं होने दी चर्चा : आतिशी


विधान सभा अध्यक्ष छिपा रहे भाजपा के डबल इंजन सरकार की नाकामी, सदन में कानून व्यवस्था पर नहीं होने दी चर्चा : आतिशी

- ‘‘आप’’ विधायकों ने कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाया तो स्पीकर ने कहा कि दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चर्चा समय की बर्बादी है
- अगर दिल्ली में बलात्कार होंगे, गोलियां चलेंगी, गैंग-वॉर होगी और खुलेआम ड्रग्स बिकेगा तो क्या विधानसभा में उस पर चर्चा भी नहीं होगी?
- नेता प्रतिपक्ष आतिशी का अपमान करने पर हमने मंत्री प्रवेश वर्मा से मांफी मांगने की मांग की तो स्पीकर ने हमें ही सदन से बाहर कर दिया- कुलदीप कुमार
- अगर ये लोग सदन में एक पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष का अपमान कर सकते हैं, तो दिल्ली की आम महिलाएं इनसे क्या उम्मीद करेगी?- विशेष रवि


नई दिल्ली, 27 मार्च 2025

आम आदमी पार्टी ने भाजपा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता द्वारा दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सदन में चर्चा नहीं होने देने पर कड़ी आपत्ति जताई है। नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि स्पीकर विजेंद्र गुप्ता भाजपा की डबल इंजन सरकार की नाकामी छिपा रहे हैं। इसलिए उन्होंने कानून व्यवस्था पर सदन में चर्चा नहीं होने दी। ‘‘आप’’ विधायकों ने कानून व्यवस्था से जुड़े मुद्दे उठाए तो स्पीकर ने कहा कि दिल्ली की बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था पर चर्चा सदन के समय की बर्बादी है। यह बहुत शर्मनाक बात है कि दिल्ली में गोलियां चल रही हैं, महिलाओं के साथ अपराध हो रहे हैं, सरेआम ड्रग्स बिक रहे हैं और भाजपा के अध्यक्ष डबल इंजन सरकार की नाकामी को छिपाने लगे हैं। अगर दिल्ली के लोगों की समस्याओं पर विधानसभा में चर्चा नहीं होगी तो कहां होगी?

नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था की व्यवस्था दिन-ब-दिन बद से बदतर होती जा रही है। फायरिंग, अपहरण, हत्या और बलात्कार जैसी घटनाएं दिल्ली में आम हो गई हैं। ड्रग्स खुलेआम बिक रहे हैं और छोटे-छोटे बच्चे इसका सेवन कर रहे हैं। जब ‘‘आप’’ विधायकों ने इस मुद्दे को सदन में उठाने की कोशिश की, तो विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह सदन का समय बर्बाद कर रहा है और वे इसे बर्बाद नहीं होने देंगे। वह लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर चर्चा नहीं होने देंगे। आतिशी ने कहा कि अगर विधायक दिल्ली के लोगों के मुद्दे विधानसभा में नहीं उठाएंगे, तो कहां उठाएंगे? अगर लॉ एंड ऑर्डर पर चर्चा नहीं होनी है, तो दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और गृहमंत्री आशीष सूद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मीटिंग क्यों करते हैं? अगर इस पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है, तो फिर ये दावा क्यों किए जा रहे कि हम कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करेंगे? यह कैसा दोगलापन है?

आतिशी ने कहा कि यह साफ है कि भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को ठीक करने में नाकाम है। दिल्ली में हालात बद से बदतर हो रहे हैं और इसे दबाने व छिपाने के लिए भाजपा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता सदन में चर्चा नहीं होने दे रहे हैं।

आतिशी ने कहा कि अगर कोई दिल्ली के लोगों के मुद्दे उठाता है, तो उसे सदन से बाहर कर दिया जाता है। लेकिन अगर कोई गाली-गलौज करे, कोई मंत्री या सत्ता पक्ष का विधायक बदतमीजी करे, तो उसकी आरती उतारी जाती है। क्या विधानसभा में दिल्ली के लोगों के मुद्दे नहीं उठाए जाएंगे? दिल्ली में महिलाओं के साथ बलात्कार, फिरौती, गोलीबारी और ड्रग्स की खुलेआम बिक्री हो रही है। आज ड्रग्स दिल्ली के युवाओं और बच्चों के लिए सबसे बड़ी समस्या बन गया है। जब हम ड्रग्स का मुद्दा उठाते हैं और इस पर चर्चा की मांग करते हैं, तो भाजपा वाले कहते हैं कि यह समय बर्बाद हो रहा है। एक तरफ “आप” की पंजाब सरकार है, जिसने ड्रग्स के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है। वह हर ड्रग डीलर को खत्म कर रही है, बुलडोजर चला रही है और कानूनी कार्रवाई कर रही है। दूसरी तरफ भाजपा है, जो ड्रग्स और लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर चर्चा तक नहीं होने देना चाहती।

उधर ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता और विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि प्रश्नकाल के दौरान मंत्री और मुख्यमंत्री को अपने विभाग से संबंधित सवालों जवाब देने होते हैं। नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता से पूछा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता दो दिनों से प्रश्नकाल के दौरान सदन में उपस्थित नहीं हैं, उनसे संबंधित विभागों के सवालों के जवाब कौन देगा? विधानसभा अध्यक्ष ने जवाब देने के लिए प्रवेश वर्मा को अधिकृत किया। लेकिन प्रवेश शर्मा ने जवाब देने के बजाय दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष आतिशी के प्रति आपत्तिजनक व्यवहार किया। प्रवेश ने कहा कि इनको कहां से पकड़कर के लेकर लाए हो? क्या यह सदन की भाषा हो सकती है? न सिर्फ सदन, बल्कि बाहर भी कोई ऐसे नहीं बोल सकता है। 

कुलदीप कुमार ने कहा कि मंत्री की इस भाषा से भाजपा की महिलाओं के प्रति मानसिकता झलकती है। जिस पार्टी में एक महिला मुख्यमंत्री हैं, वह महिला नेता प्रतिपक्ष का अपमान कर रही है। दिल्ली की महिलाएं जब इस शब्द को सुनेंगी तो उनको दुख और पीड़ा होगी। अगर एक महिला नेता प्रतिपक्ष के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है, तो इनके कार्यालय में आने वाली आम महिलाओं के साथ इनका रवैया कैसा होगा? इससे पहले भी रमेश बिधूड़ी ने भी आतिशी जी के लिए आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग कर चुके हैं। अगर भाजपा के नेता सदन के अंदर या बाहर इस तरह के अपमान जनक भाषा का प्रयोग कर रहे हैं तो यह बहुत दुखद है। यह सिर्फ आतिशी जी अपमान नहीं है, बल्कि पूरी दिल्ली की महिलाओं का अपमान है। दिल्ली की जनता प्रवेश वर्मा को माफ नहीं करेगी। हमने अध्यक्ष से प्रवेश शर्मा के शब्दों को सदन के रिकॉर्ड से निकालने और उनसे माफी मांगने की मांग की, लेकिन उन्होंने ‘‘आप’’ विधायकों को ही सदन से बाहर कर दिया।

प्रवेश शर्मा की सफाई पर कुलदीप कुमार ने कहा कि उनकी बातें सदन के रिकॉर्ड में है। प्रवेश वर्मा ने आतिशी की ओर इशारा करते हुए कहा कि कहां से लेकर आए हो? हम चाहते हैं कि यह रिकॉर्ड से बाहर हो और प्रवेश वर्मा माफी मांगें। लेकिन कार्रवाई हम पर हो रही है। विधानसभा अध्यक्ष महिलाओं का अपमान करने वालों पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ये लोग ऑन कैमरा महिलाओं का अपमान कर रहे हैं तो ऑफ कैमरा इनका व्यवहार कैसा होगा?

सदन से बाहर किए जाने के सवाल पर “आप” विधायक विशेष रवि ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि हमें कितने दिनों के लिए बाहर किया गया है। दिल्ली की जनता को विचार करना होगा कि उन्होंने किस तरह के लोगों को चुनकर भेजा है, जो सदन में खुलेआम महिलाओं के साथ बदतमीजी करते हैं। अगर सदन में एक पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान नेता प्रतिपक्ष के साथ ऐसी भाषा का इस्तेमाल हो सकता है, तो सड़क पर चलने वाली आम महिला क्या उम्मीद करेगी? मंत्री इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करके क्या संदेश दे रहे हैं? हम लोग दिल्ली की जनता के बीच में जाएंगे और उनको बताएंगे कि उन्होंने कैसे लोगों को चुना है। इनसे कैसे उम्मीद की जा सकती है कि ये दिल्ली के लोगों के लिए काम करेंगे और महिलाओं की रक्षा करेंगे?

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