स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में पर्यावरण बेहतरी को लगाए गए 2 हजार पौधे

 





स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में पर्यावरण बेहतरी को लगाए गए 2 हजार पौधे

- कई संस्थाओं ने ‘सघन वन निर्माण’ (तृतीय) के अंतर्गत एक वैचारिक कार्यक्रम

नई दिल्ली  

दिल्ली विश्वविद्यालय के स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज, एओएन, गिव मी ट्रीज एवं वन स्टेज के संयुक्त प्रयासों से स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में ‘सघन वन निर्माण’ (तृतीय) के अंतर्गत एक वैचारिक कार्यक्रम का आयोजन एवं 2 हजार पौधे लगाए गए। भारत माता के वंदन से कार्यक्रम की शुरुवात हुई। मुख्य अतिथि विजय कुमार (सामाजिक कार्यकर्ता) ने कहा कि भारत के हम सब लोग यदि अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ जाएं तो विश्व का कल्याण कर सकते हैं। पर्यावरण के सन्दर्भ में हम कह सकते हैं कि धरती पर पेड़ ईश्वर का प्रतीक हैं। मत्स्यपुराण में पेड़ पौधों के महत्व को दर्शाया गया है। पेड़ पौधे वायु शोधन करते हैं। शोधित वायु से ही जीवन की कल्पना की जा सकती है। प्रकृति शोषण को वृक्षारोपण से रोका जा सकता है। केवल रोपना ही नहीं है बल्कि सरंक्षण भी अनिवार्य है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में डीन ऑफ़ कॉलेजेज के प्रो बलराम पाणी ने कहा कि वृक्षारोपण हमारे वातावरण में हर प्रकार के प्रदूषण को समाप्त करता है। स्वच्छ जल और स्वच्छ वायु के क्षेत्र में पेड़ पौधों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। हमें वातावरण की आवश्यकता है। हमारा दायित्व है कि हम वातावरण को बेहतर बनाएं। स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में सघन वन निर्माण प्रशंसनीय है। सरंक्षक प्राचार्य प्रो प्रवीण गर्ग ने स्वागत वक्तव्य देते हुए सम्पूर्ण धरातल पर प्रकृति के महत्व पर प्रकाश डाला। पौधे केवल प्रकृति का ही नहीं बल्कि हमारे जीवन का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है।

 

वृक्षारोपण प्रदूषण नियंत्रण के साथ साथ भारतीय संस्कृति से जुड़ने का भी एक प्रयास है। विनीत वोहरा (गिव मी ट्रीज ट्रस्ट) ने कहा कि मनुष्य ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है किन्तु मनुष्य होने के दायित्व भी बड़े हैं। आधुनिक जीवन में पेड़ पौधों के महत्व को नकारा नहीं जा सकता है। हमारे पूर्वजों के निरन्तर अनुसंधान ने हमारे जीवन को समृद्ध किया है। प्रकृति से जुड़ना एक  आध्यात्मिक यात्रा की तरह है। सोनाली चैटर्जी (ए ओ एन इंडिया) ने कहा कि पौधे हमारे लिए सुविधापूर्ण वातावरण का निर्माण करते हैं। हमें पेड़ पौधों के लिए सुविधापूर्ण वातावरण बनाने के लिए प्रयास करने होंगे। मनीष गुप्ता (ए ओ एन इंडिया) ने कहा कि वृक्षारोपण हमारे समय की बड़ी जरूरत है। शुद्ध वायु के लिए हमें शुद्ध वातावरण का भी निर्माण करना होगा।
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उदिया अग्रवाल (चैरिटीज एंड फाउंडेशन इंडिया) ने कहा कि हम पेड़ों से देना सीख सकते हैं। हमें वित्तीय प्रबंधन के अनुसार पर्यावरण प्रबंधन के क्षेत्र में भी सक्रियता दिखानी होगी। अतिथियों को पवित्र ग्रंथ रामचरित मानस एवं शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। महाविद्यालय आयोजन समिति, प्रो प्रदीप कुमार (सघन वन संयोजक) कार्यक्रम में उपस्थित रहे। डॉ प्रतिभा राणा ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया। डॉ सुरभि सिंघल (कार्यक्रम संयोजक) ने अतिथियों, सघन वन निर्माण में सम्मिलित सभी साथियों एवं विद्यार्थियों का हार्दिक धन्यवाद किया।

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