भाजपा ने कद्दावर नेताओं को दरकिनार कर दिल्ली में बना दिया रबर स्टाम्प सीएम : AAP
- सीएम रेखा गुप्ता की जगह उनके पति मनीष गुप्ता अफसरों की बैठक ले रहे हैं और भाजपा इसको गलत बताने के बजाय सही बता रही है
- वीरेंद्र सचदेवा बताएं, सीएम रेखा गुप्ता के पति सरकार में किस पद पर हैं और अगर नहीं हैं तो किस आधार से अफसरों की बैठक ले रहे हैं
- मुख्यमंत्री पद की शपथ रेखा गुप्ता ने ली है, उनके पति ने नहीं, दिल्ली कोई ‘फुलेरा की पंचायत’ नहीं है, यह सब यहां नहीं चलेगा
- शीला दीक्षित, सुषमा स्वराज और आतिशी भी दिल्ली की सीएम रही हैं, लेकिन उनके घर के सदस्यों पर अफसरों की मीटिंग लेने का कभी आरोप नहीं लगा
नई दिल्ली, 13 अप्रैल 2025
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पति द्वारा अफसरों की बैठक लेने पर आम आदमी पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई है। ‘‘आप’’ के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बाबा साहब डॉ. अंबेडकर ने भारत को जनतंत्र दिया, लेकिन भाजपा ने पर्ची तंत्र दिया है। भाजपा ने वर्षों से संघर्ष कर रहे कद्दावर नेताओं को दरकिनार कर दिल्ली में एक रबर स्टाम्प मुख्यमंत्री बनाया है। सीएम रेखा गुप्ता की जगह अब उनके पति मनीष गुप्ता अफसरों की बैठकें ले रहे हैं और भाजपा इसको गलत बताने के बजाय सही बता रही है। सौरभ भारद्वाज ने भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा से पूछा कि रेखा गुप्ता के पति सरकार में किस पद पर हैं और अगर नहीं हैं तो किस आधार पर वह अफसरों की बैठक ले रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि मुख्यमंत्री पद की शपथ रेखा गुप्ता ने ली है, उनके पति ने नहीं। दिल्ली कोई ‘फुलेरा की पंचायत’ नहीं है। यह सब यहां नहीं चलेगा।
सौरभ भारद्वाज ने रविवार को पार्टी मुख्यालय प्रेसवार्ता कर कहा कि बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर ने भारत को प्रजातंत्र दिया और भाजपा ने देश को पर्ची तंत्र दिया। एक समय था, जब जिन कद्दावर नेताओं ने वर्षों तक पार्टी के लिए संघर्ष किया हो, उन लोगों को मुख्यमंत्री बनाया जाता था। लेकिन भाजपा का पिछले कुछ साल का रिकॉर्ड दिखाता है कि राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान या कोई और राज्य हो, भाजपा में बड़े-बड़े नेताओं को दरकिनार करके किसी ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया जाता है, जिसके बारे में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। इसकी शुरूआत हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाने के साथ हुई थी। हरियाणा के बाद गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान में हुआ। पर्ची निकाल कर दे दी जाती है कि किसे मुख्यमंत्री बनाना है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा में पर्ची मुख्यमंत्री की परिपाटी लगातार चल रही है। दिल्ली में भी भाजपा ने पर्ची मुख्यमंत्री बनाया। दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा में बड़े-बड़े नेताओं के नाम चलते रहे। 2015 में जब 70 में से भाजपा के 3 विधायक चुन कर आए तो उन तीन विधायकों ने संघर्ष किया। इसके बाद 2020 में 70 में से भाजपा के 8 विधायक चुन कर आए और उन्होंने संघर्ष किया। भाजपा ने इनमें से किसी को भी दिल्ली में मुख्यमंत्री बनाने लायक नहीं समझा। भाजपा ने एक ऐसे नाम को मुख्यमंत्री बनाया गया, जिसके बारे में कभी सोचा भी नहीं था। हमने सोचा कि उस नाम में जरूर कुछ ऐसा होगा और भाजपा को उस नाम में कुछ दिखा होगा। लेकिन शनिवार से सोशल मीडिया पर कुछ फोटो वायरल हो रहे हैं, उससे यह पता चलता है कि देश के सबसे बड़े प्रजातंत्र की राजधानी दिल्ली की मुख्यमंत्री एक रबर स्टाम्प मुख्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री द्वारा ली जाने वाली अफसरों की बैठकें उनके पति मनीष गुप्ता ले रहे हैं।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी को उम्मीद थी कि भाजपा इस बात से इन्कार कर देगी और कहेगी कि मुख्यमंत्री के पति अफसरों की बैठक नहीं ले रहे हैं, फोटो झूठी है। लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर प्रवक्ता तक ने मुख्यमंत्री के पति द्वारा ली गई बैठक की फोटो को स्वीकार किया और सही ठहराने की कोशिश की। भाजपा नेताओं का कहना है कि अगर परिवार में पति अपनी मुख्यमंत्री पत्नी की जगह अफसरों की मीटिंग ले रहा है तो क्या हो गया। हम हैरान हैं कि भाजपा यह बात खुलकर कह रही है। ऐसे में भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष को बताना चाहिए कि सीएम रेखा गुप्ता के पति मनीष गुप्ता सरकार में किस पद पर हैं। अगर मनीष गुप्ता सरकार में किसी पद पर नहीं हैं तो वह किस हैसियत से सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की मीटिंग ले रहे हैं।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब भी कोई विधायक, मंत्री या मुख्यमंत्री बनता है तो पद व गोपनीयता, सत्य-निष्ठा, संविधान की शपथ लेता है। यह शपथ रेखा गुप्ता को कराई गई है। इस तरह की कोई भी शपथ सीएम रेखा गुप्ता के पति मनीष गुप्ता ने नहीं ली है। जब शपथ रेखा गुप्ता ने ली है तो सरकारी कामों के उपर चर्चा और आदेश उनके पति कैसे दे सकते हैं। यह संभव ही नहीं है। यह कानूनी रूप से पूरी तरह अवैध और गलत है। यह भाजपा के घर की पंचायत नहीं है। एक पंचायत सीरियल भी आता है। जिसमें फुलेरा की पंचायत होती है। जिसमें नीना गुप्ता मंजू देवी प्रधान बनी हैं और प्रधान के पति रघुबीर यादव प्रशासन चलाते हैं। भाजपा ने दिल्ली विधानसभा और दिल्ली की पूरी राजनीति को फुलेरा की पंचायत बना दिया है। जिसमें नीना गुप्ता की तरह रेखा गुप्ता के पतिदेव प्रशासन चलाएंगे, लेकिन यह दिल्ली में नहीं चलेगा। दिल्ली फुलेरा की पंचायत नहीं है। दिल्ली के अंदर इस तरह की राजनीति करना देश के संविधान और दिल्ली के दो करोड़ लोगों का मजाक उड़ाना है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह महिलाओं का भी अपमान है। क्योंकि दिल्ली के अंदर अच्छी प़ढ़ी-लिखी महिलाएं हैं, जो अपना काम स्वयं कर सकती हैं। प्रशासन भी चला सकती हैं, दिल्ली भी चला सकती हैं। इससे पहले शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थी, लेकिन कभी ऐसा नहीं लगा कि वह सरकार नहीं चला रही हैं। उनसे पहले सुषमा स्वराज थीं, उन पर भी कभी आरोप नहीं लगा कि उनके पति स्वराज कौशल अफसरों की बैठक ले रहे हैं। आतिशी मुख्यमंत्री थीं, उन पर भी इस तरह का कभी आरोप नहीं लगा कि उनके पिता या भाई-बहन अफसरों की बैठक ले रहे हैं और प्रशासन चला रहे हैं। यह आरोप रेखा गुप्ता पर इसलिए लगा, क्योंकि यह गलत है और भाजपा ने इस आरोप को स्वीकार किया है। आम आदमी पार्टी चाहती है कि भाजपा हमारे सवालों का जवाब दे।
Comments
Post a Comment