12 हजार एमसीडी कर्मियों को पक्का करने की मांग को लेकर सदन में ‘‘आप’’ ने किया जमकर प्रदर्शन



12 हजार एमसीडी कर्मियों को पक्का करने की मांग को लेकर सदन में ‘‘आप’’ ने किया जमकर प्रदर्शन


नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग बोले - "सदन में सवाल उठाया तो मेयर ने बैठक ही स्थगित कर दी"
"हमने कर्मचारियों को पक्का किया, बजट में प्रावधान भी किया, अब भाजपा इसे लागू करे"

नई दिल्ली, 10 जुलाई 2025 /MCD LIVE NEWS 

दिल्ली नगर निगम (MCD) के सदन में आज 12 हजार अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने का मुद्दा ज़ोरों से उठा। नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षदों ने इस मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। लेकिन जैसे ही ‘‘आप’’ पार्षदों ने यह सवाल उठाया, भाजपा के मेयर राजा इकबाल सिंह ने सदन को स्थगित कर दिया।
प्रदर्शन के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए अंकुश नारंग ने कहा कि "जब हमारी सरकार थी, तब 12 हजार कर्मचारियों को पक्का करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसके लिए 800 करोड़ रुपये का बजट भी तय किया गया था। अब भाजपा की सरकार इसे लागू क्यों नहीं कर रही है?"

"भाजपा दलित कर्मचारियों को उनका अधिकार नहीं देना चाहती" – नारंग

नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा पर दलित विरोधी मानसिकता का आरोप लगाते हुए कहा कि "इन 12 हजार कर्मचारियों में बड़ी संख्या में दलित कर्मचारी शामिल हैं, लेकिन भाजपा की सरकार जानबूझकर इनका हक रोक रही है। भाजपा की चार-इंजन वाली सरकार दलितों के खिलाफ काम करती है।

"मेयर कमिश्नर को निर्देश दें, प्रस्ताव तत्काल लागू हो"
नारंग ने स्पष्ट कहा कि भाजपा चाहे तो इसका श्रेय खुद ले ले, लेकिन इन कर्मचारियों को नियमित किया जाए। उन्होंने मेयर से मांग की कि वह तुरंत निगम आयुक्त को निर्देश देकर प्रस्ताव को लागू करवाएं। "यह कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार है, इसे राजनीति की भेंट न चढ़ाएं।"

नारंग ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि "जब ‘आप’ की सरकार थी, तब सदन चलता था – अब भाजपा ने लोकतंत्र रोक दिया। "जब एमसीडी में हमारी सरकार थी, भाजपा विपक्ष में थी और तब भी हमने सदन चलाया। लेकिन आज, जब हम विपक्ष में हैं और सवाल उठा रहे हैं, तो भाजपा ने सदन ही स्थगित कर दिया। यह लोकतंत्र नहीं, अहंकार है।

AAP की मांग:

1. 12 हजार कर्मचारियों को तत्काल पक्का किया जाए।
2. पारित प्रस्ताव को लागू कराने के लिए मेयर कमिश्नर को लिखित निर्देश दें।
3. दलित कर्मचारियों के अधिकारों का सम्मान किया जाए।
4. एमसीडी में पारदर्शी व जवाबदेह प्रशासन सुनिश्चित हो।





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