"101 डीटीसी ड्राइवरों का निजी कंपनी में जबरन तबादला, हड़ताल की चेतावनी"
#10–25 साल की सेवा देने वाले ड्राइवरों के भविष्य पर संकट
#सरकार पर निजी मालिकों को लाभ पहुंचाने का आरोप
# परिवहन व्यवस्था ठप होने का खतरा, यात्रियों की बढ़ेगी मुश्किलें
# दिल्ली की सड़कों पर संकट: डीटीसी ड्राइवरों का निजी कंपनी में जबरन तबादला, यूनियन ने किया कड़ा विरोध
नई दिल्ली, 27 अगस्त 2025।
दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था एक बार फिर विवादों में है। ओखला डीटीसी डिपो से 101 ड्राइवर कर्मचारियों को अचानक निजी कंपनी M/S मोबिलिटी कंपनी (ओखला प्राइवेट लिमिटेड) में भेज दिया गया है, जिससे ड्राइवरों और उनकी यूनियन में गहरी नाराज़गी है। डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी और महामंत्री मनोज शर्मा ने प्रेस को बताया कि यह कदम न केवल कर्मचारियों के साथ अन्याय है बल्कि दिल्ली की परिवहन व्यवस्था को भी निजी मालिकों के हाथों में सौंपने की कोशिश है। यूनियन ने दिल्ली सरकार और डीटीसी प्रबंधन से अपील की है कि कर्मचारियों के साथ न्याय किया जाए, उनका तबादला रद्द किया जाए और उन्हें स्थायी नौकरी की गारंटी दी जाए।
ड्राइवरों का कहना है कि वे पिछले 10, 15, 20 और 25 सालों से डीटीसी विभाग को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्हें भरोसा था कि लंबे समय की सेवा के बाद उनकी नौकरी पक्की होगी।लेकिन अब उन्हें निजी कंपनियों में धकेलकर उनके भविष्य और परिवार की सुरक्षा पर संकट खड़ा कर दिया गया है। यूनियन का आरोप है कि यह फैसला केवल इस वजह से लिया गया है क्योंकि निजी कंपनियों के पास पर्याप्त ड्राइवर नहीं हैं। ऐसे में सरकार और डीटीसी प्रबंधन ने अपने ही कर्मचारियों को निजी मालिकों के अधीन भेजकर उनके अधिकारों और विश्वास से खिलवाड़ किया है।
#कर्मचारियों की चेतावनी
यूनियन ने साफ संकेत दिया है कि अगर यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो आने वाले दिनों में ड्राइवर हड़ताल पर उतर सकते हैं, जिसका सीधा असर दिल्ली की परिवहन व्यवस्था और आम जनता पर पड़ेगा।
#जनता के लिए खतरे की घंटी
डीटीसी दिल्ली की रीढ़ मानी जाती है, रोज़ लाखों लोग इससे सफर करते हैं। यदि ड्राइवर हड़ताल पर जाते हैं, तो राजधानी की सड़कें ठप हो सकती हैं और आम यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ेगी।
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