दिल्ली में आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश, हकीकत में नामुमकिन!


दिल्ली में आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश, हकीकत में नामुमकिन!

- Neighbourhood Woof ने खोली व्यवस्था की पोल
- “बिना योजना यह सिर्फ कागज़ी फैसला”

नई दिल्ली MCD LIVE NEWS

दिल्ली में आवारा कुत्तों को हटाकर शेल्टर में रखने के हालिया आदेश पर अब गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। तिमारपुर स्थित Neighbourhood Woof डॉग शेल्टर ने इसे “ज़मीनी हकीकत से कोसों दूर” बताते हुए प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर बिना तैयारी यह कदम उठाया गया तो नतीजे खतरनाक हो सकते हैं। यह संस्था, जो दिल्ली नगर निगम के साथ मिलकर कुत्तों का वैक्सीनेशन और नसबंदी करती है, राजधानी में कुत्तों के लिए सक्रिय करीब 20 संस्थाओं में से एक है। लेकिन मौजूदा ढांचा अचानक हजारों कुत्तों को सुरक्षित रखने और उनका इलाज करने के लिए तैयार नहीं है।


- “कुत्तों की गिनती ही नहीं, तो योजना कैसे बनेगी?”
संस्था का कहना है कि “दिल्ली में कुत्तों की जनगणना वर्षों से सिर्फ फाइलों में है। कोई सटीक डेटा नहीं है। कोई कहता है 5 लाख, कोई कहता है 8 लाख, लेकिन सही आंकड़ा किसी के पास नहीं। जब तक आपको पता ही नहीं कि कितने कुत्ते हैं, तब तक कोई भी व्यवस्था हवा में ही होगी।”

- “भीड़ में कुत्ते एक-दूसरे को काटेंगे”
संस्था में पदाधिकारी का कहना है कि “अगर एक साथ इतने कुत्तों को शेल्टर में बंद कर देंगे तो वे आपस में लड़ेंगे, एक-दूसरे को काटेंगे, और घायल होंगे। साथ ही, संक्रमण और रेबीज फैलने का खतरा भी बढ़ेगा। यह कदम तभी संभव है जब हमारे पास पर्याप्त जगह, दवाएं और डॉक्टर हों।”

- मुख्य चुनौतियां जो संस्था ने गिनाईं
1. जगह की भारी कमी – शेल्टर की सीमित क्षमता, अचानक बड़े पैमाने पर कुत्तों को रखना असंभव।
2. सटीक डेटा का अभाव – जनगणना अधूरी, अनुमान 5 से 8 लाख के बीच।
3. कुत्तों की सुरक्षा पर खतरा – भीड़ में लड़ाई, चोट और संक्रमण का जोखिम।
4. डॉक्टर व संसाधनों की कमी – पशु चिकित्सकों, दवाओं और सर्जरी सुविधाओं की भारी कमी।
5. वैज्ञानिक योजना का न होना – इस आदेश के लिए कोई ठोस और व्यावहारिक प्रोटोकॉल मौजूद नहीं।

-“पहले तैयारी, फिर आदेश”
संस्था का “कोर्ट का इरादा अच्छा है, लेकिन जमीनी स्तर पर यह संभव तभी है जब पहले कुत्तों की गिनती की जाए, शेल्टर की क्षमता कई गुना बढ़ाई जाए, और डॉक्टरों की नियुक्ति हो। अभी यह आदेश लागू करना सिर्फ कागज़ी काम होगा।”


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