बीजेपी के कार्यक्रम में दिखेगी सरकारी स्टाफ की ‘भीड़’?
- रविवार को CM के कार्यक्रम में बुलाए जाने पर आंगनबाड़ी कर्मियों में रोष
दिल्ली, 15 अगस्त 2025।
विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का दावा करने वाली बीजेपी के लिए अब कार्यकर्ता कम पड़ने लगे हैं या फिर जनता का जुड़ाव घट रहा है — यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि अब पार्टी के कार्यक्रमों में सरकारी स्टाफ को भीड़ जुटाने के लिए बुलाया जा रहा है। आंगनबाड़ी विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ताज़ा मामला बवाना स्थित हेलीपेड मार्ग का है, जहाँ 17 अगस्त, रविवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी UER-2, का उद्घाटन करेंगे। और दिल्ली की मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हो रहे इस कार्यक्रम में आंगनबाड़ी स्टाफ, जिसमें सुपरवाइज़र, वर्कर और हेल्पर शामिल हैं, को भी उपस्थिति के मौखिक आदेश दिए गए हैं।
रविवार, जो इन कर्मियों के लिए हफ़्ते भर की मेहनत के बाद परिवार के साथ समय बिताने का एकमात्र दिन होता है, अब राजनीतिक भीड़ बढ़ाने में खर्च होगा।
जनहित में मांग उठ रही है कि आंगनबाड़ी स्टाफ और अन्य सरकारी कर्मचारियों को राजनीतिक कार्यक्रमों में जबरन बुलाने की प्रथा पर तत्काल रोक लगाई जाए, ताकि वे सम्मान और अधिकार के साथ अपने वास्तविक कर्तव्यों का निर्वाह कर सकें।
वहीं, नाम ना छापने की शर्त पर एक कुछ आंगनबाड़ी स्टाफ ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि “हम बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए हफ्ते भर काम करते हैं, लेकिन हमें नेताओं के मंच सजाने और भीड़ बनाने के लिए छुट्टी के दिन भी खड़ा कर दिया जाता है। यह सरासर अन्याय है।”
जबकि सुपरवाइज़रों का कहना है कि पहले भी ऐसे आयोजनों में ड्यूटी लगाई जाती रही है, लेकिन इस बार गुस्सा ज्यादा है क्योंकि यह सरकारी अवकाश रविवार को सीधे-सीधे कर्मचारियों के अधिकार और निजी जीवन में दखल है। श्रम विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकारी कर्मचारियों को राजनीतिक आयोजनों में जबरन शामिल करना न केवल सेवा नियमों की भावना के खिलाफ है, बल्कि लोकतांत्रिक मर्यादाओं पर भी चोट है। ऐसे में जनता का सवाल है कि अगर बीजेपी के पास “विश्व का सबसे बड़ा कार्यकर्ता परिवार” है, तो फिर सरकारी स्टाफ से भीड़ क्यों जुटाई जा रही है? क्या राजनीतिक ताकत दिखाने के लिए कर्मचारियों की छुट्टी छीनना ज़रूरी है?
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