किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे डॉग शेल्टर हाउस : घोगा गांव के ग्रामीण

घोगा गांव में डॉग शेल्टर हाउस का शुरू हुआ विरोध


- ग्रामीणों की पंचायत में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ एकमत निर्णय
- ग्रामीण बोले – "ग्रोथ सेंटर चाहिए, डॉग शेल्टर नहीं"


दिल्ली / घोगा गांव / MCD LIVE NEWS 


घोगा गांव के मंदिर प्रांगण में आयोजित पंचायत में ग्रामीणों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गांव की ज़मीन पर डॉग शेल्टर हाउस बनाने के आदेश का कड़ा विरोध किया। पंचायत में सभी ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर सरकार और संबंधित एजेंसियों से वैकल्पिक स्थान खोजने की मांग की।

ग्रामीणों के मुख्य तर्क हैं

ग्रोथ सेंटर के लिए अधिग्रहण: ग्रामीणों का कहना है कि जिस जमीन का अधिग्रहण विकास और रोजगार सृजन हेतु किया गया था, वहां डॉग शेल्टर हाउस बनाना पूरी तरह से गलत है।

डेयरी से पहले से परेशान: गांव में पहले से डेयरी होने के कारण गंदगी, दुर्गंध और बीमारियों का खतरा है। डॉग शेल्टर बनने से समस्या कई गुना बढ़ जाएगी।

सौतेला व्यवहार: ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरकार एक ही गांव पर बार-बार बोझ डाल रही है, जबकि विकास योजनाओं से वंचित रखा जा रहा है।

वैकल्पिक जगह की मांग: एमसीडी और अन्य नागरिक एजेंसियों से अपील की गई कि वे डॉग शेल्टर हाउस के लिए किसी अन्य स्थान का चयन करें।


- किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे


पंचायत में ग्रामीणों ने कहा कि वे विकास कार्यों और बुनियादी सुविधाओं का स्वागत करते हैं, लेकिन ऐसी योजनाएं, जो जीवन स्तर को प्रभावित करती हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे। ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी आवाज़ को नजरअंदाज किया गया तो वे बड़े आंदोलन की राह पर उतरेंगे। ग्रामीण राजेश भारद्वाज, रविश भारद्वाज ने कहा कि हमारे गाँव घोघा की 82 एकड़ जमीन पर आने वाले समय में डॉग शेल्टर  बनाए जाने की योजना चल रही है। जिसमें लगभग 3 लाख कुत्ते एक समय पर रह पाएंगे, आप कल्पना कर सकते हैं कि यहाँ से आने जाने वाले लोगों को किस प्रकार की दुर्गन्ध का सामना करना पड़ा करेगा I यह जमीन हमारे गाँव की अमूल्य धरोहर है और इसका उपयोग गाँव की भलाई के लिए होना चाहिए, न कि ऐसी योजनाओं में जिससे हमारे पर्यावरण, स्वास्थ्य और आने वाली पीढ़ियों पर नकारात्मक असर पड़े।

Comments