अदिति महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेमिनार संपन्न

अदिति महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेमिनार संपन्न
- भारतीय ज्ञान प्रणाली से वैश्विक कल्याण पर हुआ मंथन

नई दिल्ली/ बवाना/MCD LIVE NEWS 

दिल्ली विश्वविद्यालय के अदिति महाविद्यालय में एसीएसएसआर नॉर्दर्न रीजनल सेंटर के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। विषय था— “अकादमिक जगत और परंपरा का मिलन : भारतीय ज्ञान प्रणाली के माध्यम से वैश्विक कल्याण के लिए व्यक्तिगत विश्राम और लचीलापन विकसित करना”।

समापन सत्र के मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ कॉलेजेज प्रो. बलराम पानी रहे, जबकि अध्यक्षता अदिति महाविद्यालय के चेयरपर्सन प्रो. के.पी. सिंह ने की। मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली विवि समाज कार्य विभागाध्यक्ष प्रो. संजय रॉय और गेस्ट ऑफ ऑनर जेएनयू के प्रो. कौशल कुमार शर्मा उपस्थित थे। सेमिनार की पैटर्न प्राचार्य प्रो. नीलम राठी तथा कनवीनर प्रो. सुनीता रहीं।

प्रारंभ में दीप प्रज्वलन व विश्वविद्यालय के कुलगीत से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। स्वागत भाषण में प्राचार्य राठी ने बताया कि सेमिनार में 58 यूजी रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए गए। मंच संचालन डॉ. रितु खतरी और सह-संचालन प्रो. अनामिका शर्मा ने किया।

अपने उद्बोधन में प्रो. पानी ने कहा कि शिक्षा तभी सार्थक है जब वह समाज के काम आए। उन्होंने प्रकृति, संस्कृति, अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी के आपसी संबंधों पर प्रकाश डाला और छात्राओं से ईमानदारी व सकारात्मकता अपनाने का आह्वान किया। प्रो. शर्मा ने भारतीय शिक्षा प्रणाली के तीन आधारों और छात्र-शिक्षक संबंधों पर बल देते हुए योग व संगीत को मानसिक शांति का साधन बताया। प्रो. रॉय ने आधुनिक मनोविज्ञान, बौद्ध दर्शन और आयुर्वेद के जरिए आत्मज्ञान, कर्म और धर्म के महत्व पर चर्चा की। वहीं, प्रो. के.पी. सिंह ने महिला सशक्तिकरण, लचीलेपन और चरित्र निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया।

सभी वक्तव्यों के बाद धन्यवाद ज्ञापन प्रो. सुरुचि ने किया। उन्होंने अतिथियों, प्राध्यापकों और छात्राओं को इस सेमिनार को सफल बनाने के लिए आभार जताया। यह आयोजन न केवल अकादमिक विमर्श का मंच बना बल्कि भारतीय परंपरा और आधुनिक शिक्षा के सामंजस्य का जीवंत उदाहरण भी रहा।


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