स्वच्छता अभियान की कादीपुर गांव में खुल रही है पोल
- डंपिंग साइट पर कूड़े का अंबार, पार्षद मुनेश देवी ने मुख्यमंत्री और मेयर से की शिकायत
नई दिल्ली, 7 अगस्त 2025
जहां एक ओर दिल्ली सरकार 1 अगस्त से 31 अगस्त तक "स्वच्छ दिल्ली अभियान" का डंका पीट रही है, वहीं राजधानी के दिल्ली देहात और सिविल लाइन जोन के कादीपुर गांव की जमीनी हकीकत इस अभियान की सच्चाई पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। दिल्ली नगर निगम वार्ड संख्या 07 की पार्षद मुनेश देवी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और मेयर राजा इकबाल को पत्र लिखकर कादीपुर गांव स्थित डंपिंग साइट से निरंतर कूड़ा न उठाए जाने की शिकायत की है। उन्होंने इसे जनस्वास्थ्य और जनसम्मान दोनों के लिए गंभीर खतरा बताया है।
- कूड़े के ढेर से पटी गलियां, बीमारी का खतरा बढ़ा
पार्षद मुनेश देवी ने अपने पत्र में लिखा है कि कादीपुर गांव की डंपिंग साइट पर लंबे समय से कूड़े का अंबार जमा है, जिससे गांव में दुर्गंध, मच्छरों की भरमार और संक्रमण की आशंका बनी हुई है। स्थानीय लोग रोजाना इस गंदगी से जूझ रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार विभाग आंखें मूंदे बैठा है।
- DMSWL विभाग पर लापरवाही का आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि संबंधित विभाग, विशेष रूप से DMSWL के अधिकारी, समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कई बार मौखिक और लिखित शिकायतें करने के बावजूद केवल आश्वासन दिए गए, लेकिन धरातल पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
- जनता का जीवन बना नारकीय
गांववासियों और स्थानीय यात्रियों के अनुसार, हालात ऐसे हो गए हैं कि बच्चों और बुजुर्गों का घर से बाहर निकलना भी दूभर हो गया है। बीमारियों का खतरा सिर पर मंडरा रहा है और चारों ओर फैली गंदगी ने स्वच्छ भारत अभियान की मंशा पर सवालिया निशान लगा दिया है।
- जवाबदेही तय हो, स्थायी समाधान मिले
पार्षद मुनेश देवी ने अपने पत्र में तत्काल कूड़ा हटाने, जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करने और भविष्य में नियमित सफाई सुनिश्चित कराने के लिए स्थायी योजना बनाने की मांग की है।
- जनता का सरकार से सवाल
क्या "स्वच्छता अभियान" सिर्फ कागजों पर चल रहा है? कब मिलेगा कादीपुर जैसे गांवों को स्वच्छ और स्वस्थ जीवन का अधिकार? समय है अब सिर्फ घोषणाओं से नहीं, धरातल पर ईमानदार काम करने का। क्योंकि स्वच्छता किसी एक वार्ड की नहीं, पूरे दिल्ली की जिम्मेदारी है।
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