वननेस वन: संत निरंकारी मिशन ने देशभर में हरियाली और सह-अस्तित्व का संदेश फैलाया

वननेस वन: संत निरंकारी मिशन ने देशभर में हरियाली और सह-अस्तित्व का संदेश फैलाया
- ‘वननेस वन’ मात्र पौधारोपण की औपचारिकता नहीं, बल्कि एक व्यापक विचार

नई दिल्ली, 13 अगस्त 2025

पर्यावरण संरक्षण को केवल भाषणों तक सीमित न रखते हुए संत निरंकारी मिशन ने इसे जन-आंदोलन का रूप दे दिया है। रविवार, 17 अगस्त को मिशन देशभर में ‘वननेस वन’ परियोजना के पांचवें चरण का आयोजन करेगा, जिसमें प्रातः 6 से 9 बजे तक हज़ारों सेवादार और श्रद्धालु एक साथ वृक्षारोपण कर प्रकृति के प्रति अपने समर्पण को दोहराएंगे।संत निरंकारी मंडल के सचिव जोगिंदर सुखीजा के अनुसार, पौधों का चयन स्थानीय जलवायु और मिट्टी की दशाओं को ध्यान में रखकर किया जाता है। उनकी देखभाल जैविक खाद, स्वच्छ जल और आधुनिक तकनीकों से की जाती है, जिससे पौधे लंबे समय तक फलते-फूलते रहें।

जानकारी के अनुसार यह अभियान वर्ष 2021 में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के मार्गदर्शन में शुरू हुआ था। ‘वननेस वन’ मात्र पौधारोपण की औपचारिकता नहीं, बल्कि एक व्यापक विचार है—प्रकृति और मानव के बीच उस आत्मिक संबंध को पुनर्जीवित करना, जिसमें सह-अस्तित्व और संतुलन की भावना निहित है।

- हरियाली से लघु वन तक
मिशन के पिछले प्रयासों से लगाए गए पौधे अब इतने विकसित हो चुके हैं कि कई स्थानों पर वे ‘लघु वन’ का रूप ले चुके हैं। इन हरित स्थलों में प्रवासी और दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों की वापसी हो रही है—जो कभी विलुप्ति के कगार पर थे। यह बदलाव केवल पर्यावरणीय संतुलन ही नहीं, बल्कि जैव विविधता की रक्षा का भी प्रमाण है।

- 600 से अधिक स्थलों पर पौधारोपण
अभियान के तहत अब तक देशभर में 600 से अधिक स्थलों पर पौधारोपण किया जा चुका है। प्रत्येक पौधे की देखभाल मिशन के स्वयंसेवक समर्पण और श्रद्धा के साथ करते हैं—मानो वह भावी पीढ़ियों की सांसों का आधार हो।

प्रदूषण—भीतर और बाहर
पूज्य बाबा हरदेव सिंह जी का संदेश—“प्रदूषण अंदर हो या बाहर, दोनों ही हानिकारक हैं”—इस अभियान की प्रेरणा का मूल है। इसलिए ‘वननेस वन’ केवल पर्यावरण की शुद्धता ही नहीं, बल्कि मन और विचार की निर्मलता को भी प्रोत्साहित करता है।

- जनहित में प्रेरणा
पर्यावरण संकट के इस दौर में, जब प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन विश्व के सामने गंभीर चुनौती हैं, संत निरंकारी मिशन का ‘वननेस वन’ एक उज्ज्वल उदाहरण है कि संगठित प्रयास से समाज में हरियाली और सह-अस्तित्व का सपना साकार किया जा सकता है। यह केवल पौधे नहीं लगा रहा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ, संतुलित और सुरक्षित भविष्य की नींव रख रहा है।



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