दिल्ली को कूड़े से आज़ादी: करोल बाग में साइक्लोथॉन ने जगाई स्वच्छता की अलख


दिल्ली को कूड़े से आज़ादी: करोल बाग में साइक्लोथॉन ने जगाई स्वच्छता की अलख, नेताओं ने की जन भागीदारी की अपील


नई दिल्ली, 27 अगस्त 2025:

राजधानी दिल्ली को स्वच्छ और हरित बनाने की मुहिम में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के करोल बाग ज़ोन में आज "दिल्ली को कूड़े से आज़ादी" अभियान के तहत आयोजित साइक्लोथॉन ने सैकड़ों नागरिकों को एकजुट किया। इस कार्यक्रम में उपमहापौर जय भगवान यादव, स्थायी समिति अध्यक्ष सत्या शर्मा और विधायक उमंग बजाज ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की, जबकि युवा साइकिल प्रेमी, समाजसेवी और स्थानीय निवासी बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस आयोजन का मकसद न केवल स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना था, बल्कि दिल्लीवासियों को स्वास्थ्यपूर्ण जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना भी था।
साइक्लोथॉन की शुरुआत सुबह के ठंडे मौसम में हुई, जहां प्रतिभागी साइकिलों पर सवार होकर करोल बाग की सड़कों पर निकले। रंग-बिरंगे बैनरों और नारों से गूंजते इस कार्यक्रम ने शहर की व्यस्तता के बीच एक सकारात्मक संदेश दिया। आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छ भारत मिशन पहल से प्रेरित था, जो दिल्ली को कचरा मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे इवेंट न केवल पर्यावरण प्रदूषण को कम करते हैं, बल्कि सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देकर स्थायी बदलाव लाते हैं।

उपमहापौर जय भगवान यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "यह अभियान प्रधानमंत्री जी की स्वच्छ भारत मिशन को नई ऊर्जा प्रदान करेगा। मैं सभी दिल्लीवासियों से अपील करता हूं कि वे अपने घरों के साथ-साथ आसपास के इलाकों में भी स्वच्छता की जिम्मेदारी लें। पर्यावरण संरक्षण के लिए हर नागरिक को अपनी मां के नाम पर एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए।" उन्होंने आश्वासन दिया कि ऐसे आयोजन आगे भी जारी रहेंगे, ताकि जागरूकता की लहर थमे नहीं। यादव के शब्दों ने प्रतिभागियों में उत्साह भर दिया, जो मानते हैं कि व्यक्तिगत स्तर पर छोटे प्रयास बड़े बदलाव ला सकते हैं।

स्थायी समिति अध्यक्ष सत्या शर्मा ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व का जिक्र करते हुए जोर दिया कि स्वच्छता कोई अस्थायी प्रयास नहीं है। उन्होंने कहा, "हमने दिल्ली को साफ-सुथरा बनाने का बीड़ा उठाया है। स्वच्छता एक जीवनशैली है, और इसकी सफलता की कुंजी नागरिकों की भागीदारी है। हमें पार्कों, सार्वजनिक स्थलों की देखभाल करनी होगी और कूड़ा प्रबंधन के प्रति सजग रहना होगा। अगर हम सब मिलकर प्रयास करें, तो दिल्ली को स्वच्छ, सुंदर और पर्यावरण अनुकूल शहर बनाया जा सकता है।" शर्मा के बयान ने महिलाओं और युवाओं को विशेष रूप से प्रभावित किया, जो अभियान में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

विधायक उमंग बजाज ने साइक्लोथॉन को स्वास्थ्य और पर्यावरण का संगम बताते हुए कहा, "साइकिल चलाना प्रदूषण कम करने, फिटनेस बढ़ाने और ट्रैफिक भार घटाने का बेहतरीन उपाय है। मैं नागरिकों से आग्रह करता हूं कि वे ऐसे आयोजनों में भाग लेकर एक साफ, हरित और स्वस्थ दिल्ली बनाने में योगदान दें।" बजाज के अनुसार, ऐसे कार्यक्रम व्यक्तिगत स्तर पर फिटनेस को बढ़ावा देते हैं, जबकि सामूहिक रूप से शहर की हवा को शुद्ध करते हैं।

यह साइक्लोथॉन दिल्ली में बढ़ते कचरा समस्या के खिलाफ एक प्रतीकात्मक कदम है, जहां रोजाना हजारों टन कचरा उत्पन्न होता है। अभियान के तहत एमसीडी आगे भी वर्कशॉप, क्लीन-अप ड्राइव और जागरूकता कैंप आयोजित करने की योजना बना रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर नागरिकों की भागीदारी बढ़े, तो दिल्ली जल्द ही दुनिया के सबसे स्वच्छ शहरों में शुमार हो सकती है। जनहित में यह अपील है कि हर दिल्लीवासी इस मुहिम से जुड़े और अपने शहर को कूड़े से आजादी दिलाएं।

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