घूसखोरी के आरोप में उप सफाई निरीक्षक पर गंभीर शिक़ायत

 




घूसखोरी के आरोप में उप सफाई निरीक्षक पर गंभीर शिक़ायत

- डीसी कार्यालय ने जारी किया कारण बताओ नोटिस
- फाइल पर साइन कराने के लिए मांगे एक लाख रुपए

नई दिल्ली, 4 अगस्त 2025

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के मध्य क्षेत्र, लाजपत नगर-2 स्थित कार्यालय में कार्यरत सफाई कर्मियों ने वार्ड संख्या 183 के सफाई उप निरीक्षक नानक चंद भारद्वाज के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। सफाई कर्मियों का आरोप है कि नानक चंद जातिवादी व्यवहार, गाली-गलौज, तनख्वाह में कटौती, और घूस मांगने जैसे कार्यों में लिप्त हैं। शिकायत में कहा गया है कि नानक चंद भारद्वाज, अपने अधीनस्थ कर्मियों के साथ जातिगत भेदभाव करते हैं और बार-बार गालियां देते हैं। इतना ही नहीं, नियमित रूप से ड्यूटी पर आने वाले कर्मियों की भी उपस्थिति को भी अनुपस्थिति में दर्ज किया जाता है, जिससे उनकी वेतन में कटौती हो रही है।

- स्वच्छ भारत अभियान सिर्फ नारे से नहीं चलेगा : नवीन
क्या दिल्ली नगर निगम जैसे संस्थान में जातिवादी सोच और भ्रष्टाचार को अब भी जगह मिलेगी? सफाई कर्मचारियों को इंसाफ मिलेगा? निगम में सफाई कर्मियों की आवाज उठाने वाले यूनियन के पदाधिकारी नवीन वैध ने जनहित में अपील की है कि नगर निगम को चाहिए कि निष्पक्ष जांच कर दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। सफाई कर्मियों की गरिमा और अधिकारों की रक्षा हो और ऐसे मामलों को दबाने के बजाय सार्वजनिक किया जाए ताकि व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहे। साथ ही नवीन वैध ने कहा कि “स्वच्छ भारत अभियान सिर्फ नारे से नहीं चलेगा, जब तक सफाईकर्मी खुद सुरक्षित और सम्मानित महसूस न करें।“

- परेशान होकर एक कर्मचारी ने खाया जहर
शिकायत में यह भी दर्ज है कि जब एक कर्मचारी राकेश ने अपनी फाइल पर हस्ताक्षर करवाने के लिए आग्रह किया, तो निरीक्षक ने 1 लाख रुपये की मांग की। पैसे न देने पर उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, जिससे वह जहर खाने को मजबूर हो गया। राकेश का उपचार अभी भी चल रहा है और उसकी चिकित्सकीय रिपोर्ट भी शिकायत के साथ प्रस्तुत की गई है।


- नगर निगम ने संज्ञान लेकर की दिया नोटिस, कार्रवाई शुरू 
इस गंभीर प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए डीईएमएस/मध्य क्षेत्र, लाजपत नगर के प्रशासनिक  अधिकारी ने सफाई निरीक्षक नानक चंद भारद्वाज को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस के अनुसार कहा गया है कि “आपको 48 घंटे के भीतर लिखित जवाब प्रस्तुत करना होगा, अन्यथा मामला उच्च अधिकारियों को भेजकर आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।” बता दें कि यह नोटिस चार अगस्त 2025 को जारी किया गया है। नोटिस की प्रति उपायुक्त और सहायक आयुक्त को भी  भेजी गई है।

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