तीन खरब रुपए बचाने के लिए 1187 सफाई कर्मियों पर लटकी MCD की तलवार

तीन खरब रुपए की बचत के लिए 1187 सफाई कर्मियों पर MCD की लटकी तलवार 

#दिल्ली एमसीडी के 1187 सफाईकर्मियों की नौकरी पर तलवार, यूनियन ने जताई गहरी चिंता
#डबल केस के नाम पर कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने की तैयारी
#दिल्ली में सफाई व्यवस्था पर संकट

नई दिल्ली, 3 सितम्बर 2025 / MCD LIVE NEWS 

दिल्ली नगर निगम के 1187 सफाईकर्मियों की नौकरी पर तलवार लटक गई है और इस पर सफाई कर्मचारी यूनियन ने गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि डबल केस के नाम पर कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करना ठीक नहीं है, इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और इसके बाद ही निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि यह सब कानूनी प्रक्रिया के तहत हुआ है। उसमें दोनों पक्षों की तरफ से चूक हुई तो सिर्फ सफाई कर्मियों को नौकरी से हटाना जनहित में नहीं है। यदि एक्शन लेना है तो निगम के उन अधिकारियों भी हो, जो इस डबल केस मामले में शामिल है। एकतरफा निर्णय से दिल्ली में सफाई व्यवस्था पर संकट आ जाएगा।
इस संदर्भ में राष्ट्र हितैषी मजदूर परिषद, दिल्ली के अध्यक्ष दलीप कुमार बरवाला ने दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना, दिल्ली के महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह और निगम आयुक्त अश्वनी कुमार को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम के 1187 सफाईकर्मियों की सेवाएं समाप्त करने की तैयारी न केवल प्रशासनिक निर्णय है बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी गहरी चिंता का विषय है। सफाईकर्मी दिल्ली की सड़कों, गलियों और मोहल्लों को स्वच्छ रखने के लिए रोज़ाना कठिन हालात में काम करते हैं। यदि कोर्ट में बकाया राशि से जुड़े डबल केस का मामला है, तो उसका समाधान कानूनी प्रक्रिया के तहत होना चाहिए, न कि सीधे रोज़ी-रोटी छीनने से।

#तीन खरब रुपए की बचत के लिए 1187 सफाई कर्मियों पर MCD की लटकी तलवार 
राष्ट्र हितैषी मजदूर परिषद, दिल्ली के अध्यक्ष दलीप कुमार बरवाला ने यह भी कहा कि इन दिनों दिल्ली नगर निगम की माली हालत है और पैसा बचाने के लिए इन सफाई कर्मियों को निकलने की तैयारी है। क्योंकि ऐसा करने से दिल्ली नगर निगम को करीब तीन खरब रुपए की बचत हो सकती है। साथ ही उन्होंने बताया कि नरेला जोन से ऐसे ही डबल केस के मामले में एक सफाई कर्मचारी नौकरी से हटा दिया गया है।

एक ओर नगर निगम को व्यवस्था बनाए रखने की ज़िम्मेदारी है, वहीं दूसरी ओर इन कर्मचारियों और उनके परिवारों का जीवन भी दांव पर लगा है। अचानक सेवाएं समाप्त करना न केवल 12 जोनों में सफाई व्यवस्था को बिगाड़ देगा बल्कि हज़ारों परिवारों को भी संकट में धकेल देगा। बेहतर होगा कि निगम इस मामले में निष्पक्ष जांच और कानूनी निष्कर्ष का इंतज़ार करे, साथ ही कर्मचारियों को अपनी बात रखने का अवसर दे। लोकतंत्र और जनहित यही मांग करता है कि सफाई व्यवस्था और कर्मचारियों – दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

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