अनाम आत्माओं को मिलेगी गंगा मां की शरण, 19 सितम्बर को निकलेगी सिल्वर जुबली यात्रा

अनाम आत्माओं को मिलेगी गंगा मां की शरण, 19 सितम्बर को निकलेगी सिल्वर जुबली यात्रा

#पितृपक्ष की ऐतिहासिक 25वीं अस्थि कलश विसर्जन यात्रा 19 सितम्बर को दिल्ली से रवाना होगी

नई दिल्ली।

 पितृपक्ष के पावन अवसर पर इस वर्ष एक ऐतिहासिक और भावनात्मक यात्रा का आयोजन होने जा रहा है। श्री देवोत्थान सेवा समिति (पंजी.) के तत्वावधान में 25वीं सिल्वर जुबली "अस्थि कलश विसर्जन यात्रा" आगामी 19 सितम्बर 2025, शुक्रवार को दिल्ली से हरिद्वार के लिए रवाना होगी।

समिति के अध्यक्ष श्री अनिल नरेन्द्र ने बताया कि यात्रा प्रातः 9 बजे से 10 बजे तक भगवान शिव के चरणों में रखे हजारों अनाम अस्थि कलशों पर राजनेताओं, धर्मगुरुओं और प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद हरिद्वार के लिए रवाना होगी। अगले दिन 20 सितम्बर 2025, शनिवार को दोपहर 1 बजे गंगा तट पर 100 किलो दूध की धारा के साथ वैदिक रीति से इन सभी अस्थि कलशों का सामूहिक विसर्जन किया जाएगा।

यात्रा संयोजक एवं महामंत्री श्री विजय शर्मा ने जानकारी दी कि यह सेवा यात्रा अब अपने 25वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है। अब तक समिति द्वारा बीते 24 वर्षों में करीब 1,66,689 अस्थि कलशों का विधिवत विसर्जन कराया जा चुका है। इनमें पाकिस्तान के कराची शहर से लाए गए 695 अस्थि कलश (2011, 2016 और फरवरी 2025 में) भी शामिल हैं, जिन्हें इस यात्रा के माध्यम से हरिद्वार में गंगा मां की गोद में समर्पित किया गया।

इस बार लगभग 300 श्रद्धालु इस धार्मिक यात्रा के साक्षी बनेंगे। यात्रा की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। समिति के इस पुण्य कार्य में दीपक गुप्ता, सुमन कुमार गुप्ता, निगम पार्षद मनोज कुमार जिंदल, राजा टक्कर, प्रेरणा मिथुन बर्सले, अमन गुप्ता, मनोज मेंदीरत्ता, बालेश जैन, योगेन्द्र सिंह मान, नमन शर्मा और किरणदीप कौर सहित अनेक लोग सक्रिय सहयोग दे रहे हैं।

यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि उन अनाम मृत आत्माओं के प्रति समाज की सामूहिक संवेदना और कर्तव्यबोध का भी संदेश देती है, जिनके परिवारजन अंतिम संस्कार करने में असमर्थ रहे। पितृपक्ष में आयोजित यह ऐतिहासिक पहल समाज में मानवता, सेवा और संस्कारों की गहरी जड़ों को पुनः याद दिलाती है।

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