दिल्ली को मिली हरित ऊर्जा की नई सौगात


दिल्ली को मिली हरित ऊर्जा की नई सौगात
#नंगली डेयरी में देश का पहला 200 टन प्रतिदिन गोबर आधारित बायोगैस संयंत्र शुरू

नई दिल्ली, 20 सितंबर।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज नजफगढ़ स्थित नंगली डेयरी में देश के पहले 200 मीट्रिक टन प्रतिदिन गोबर आधारित बायोगैस संयंत्र का लोकार्पण किया। यह प्लांट दिल्ली को स्वच्छ, आत्मनिर्भर और हरित राजधानी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नंगली बायोगैस संयंत्र से न केवल क्षेत्र की सफाई सुनिश्चित होगी, बल्कि डेयरी मालिकों को उनके मवेशियों के गोबर के पैसे भी मिलेंगे। साथ ही, यह संयंत्र यमुना को प्रदूषण से मुक्त करने में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्लांट प्रतिदिन 200 मीट्रिक टन गोबर का निपटान करेगा और इससे कंप्रेस्ड नेचुरल गैस और खाद का उत्पादन होगा। यह न केवल हरित ऊर्जा का स्रोत बनेगा बल्कि प्रदूषण पर भी रोक लगाएगा।
शहरी विकास मंत्री आशीष सूद ने कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हरित ऊर्जा अभियान को मजबूती देने के साथ-साथ दिल्ली की कूड़े की समस्या का स्थायी समाधान प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि अब कचरा बोझ नहीं बल्कि संपत्ति है। डेयरियों से निकलने वाले गोबर से हरित ऊर्जा और खाद दोनों तैयार होंगे।

महापौर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार दिल्ली को कूड़े और प्रदूषण से मुक्त करने के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने बताया कि एजेंसी डेयरी मालिकों से 65 पैसे प्रति किलो की दर पर गोबर एकत्र करेगी, जिससे ग्रामीणों को अतिरिक्त आय का लाभ मिलेगा।
पश्चिमी दिल्ली की सांसद कमलजीत सहरावत ने कहा कि यह परियोजना ग्रामीण इलाकों की दशकों पुरानी समस्या का समाधान है।भाजपा सरकार ने ही ग्रामीणों की वास्तविक परेशानी को समझकर उसका हल निकाला है। पहले की सरकारें सिर्फ राजनीति तक सीमित रहीं।

निगम आयुक्त अश्वनी कुमार ने जानकारी दी कि आने वाले दिनों में घोघा डेयरी बायोगैस संयंत्र भी शुरू होगा और अगले वर्ष दो नए संयंत्रों का लोकार्पण किया जाएगा। करीब 16 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इस संयंत्र में प्रतिदिन लगभग 14,000 घन मीटर कच्ची बायोगैस और 5.6 टन शुद्ध संपीड़ित बायोगैस का उत्पादन होगा। तैयार सीएनजी की आपूर्ति आईजीएल को की जाएगी, जबकि बची हुई स्लरी को प्राकृतिक खाद के रूप में खेतों में उपयोग किया जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में और बायोगैस संयंत्र स्थापित किए जाएं, ताकि कूड़े की समस्या कम हो और हरित ऊर्जा का उत्पादन बढ़े।



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