दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, टिन शेड वाले स्कूलों पर सरकार से मांगा जवाब

दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, टिन शेड वाले स्कूलों पर सरकार से मांगा जवाब

नई दिल्ली।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजधानी के सरकारी स्कूलों में अब भी टिन शेड में कक्षाएं चलाए जाने पर गंभीर नाराज़गी जताई है। सोशल ज्यूरिस्ट के अधिवक्ता अशोक अग्रवाल की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।न्यायमूर्ति गडेला ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, “हम 2025 में हैं और यह बेहद शर्मनाक है कि दिल्ली सरकार टिन शेड वाले स्कूल चला रही है। यह न केवल बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि उनमें दीवारें, डेस्क, ब्लैकबोर्ड जैसी बुनियादी सुविधाएँ भी नहीं हैं।” बता दें कि अशोक अग्रवाल ने सोशल मीडिया पोस्ट में यह जानकारी दी।
सोशल ज्यूरिस्ट की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने अदालत को याद दिलाया कि 2024 में शिक्षा सचिव ने बुनियादी ढाँचा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अदालत ने दिल्ली सरकार से सवाल किया कि जब सरकारी स्कूलों का हाल ऐसा है, तो निजी स्कूलों से प्रतिस्पर्धा कैसे की जा सकती है।

दिल्ली सरकार की ओर से स्थायी वकील समीर वशिष्ठ ने अदालत से एक सप्ताह का समय माँगा और आश्वासन दिया कि सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे। इस पर अदालत ने कहा कि “आपको खुद ऐसे स्कूलों का दौरा करना चाहिए, क्योंकि कब तक श्री अग्रवाल ही इन स्कूलों को ढूँढते और अदालत का ध्यान दिलाते रहेंगे।” अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर 2025 को तय की है। यह मामला न केवल शिक्षा की गुणवत्ता से जुड़ा है, बल्कि राजधानी के लाखों बच्चों के भविष्य और उनकी सुरक्षा से भी सीधा संबंध रखता है।

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