#नगर निगम स्कूलों में अव्यवस्था का सच उजागर: औचक निरीक्षण में सामने आई गंदगी, अव्यवस्था और लापरवाही
#नगर निगम स्कूलों की हालत खस्ता: बच्चों को न साफ पानी, न साफ शौचालय
#औचक निरीक्षण में खुली पोल: शिक्षा विभाग के दावों का सच आया सामने
#भविष्य से खिलवाड़: निगम स्कूलों में गंदगी, टूटी कुर्सियां और जर्जर भवन
#करोड़ों के बजट के बाद भी बेहाल स्कूल—कहां गया शिक्षा का पैसा?
#‘देश का भविष्य’ बदहाल स्कूलों में—बच्चों को मूलभूत सुविधाएं तक नसीब नहीं
#नगर निगम स्कूल बने उपेक्षा के शिकार, शिक्षा मॉडल पर सवाल
नई दिल्ली। 1 सितम्बर 2025/। MCD LIVE NEWS
भाजपा की दिल्ली सरकार और नगर निगम नेता लगातार शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। आज MCD शिक्षा समिति के डिप्टी चेयरमैन अमित खरखड़ी द्वारा किए गए औचक निरीक्षण ने इन दावों की पोल खोल दी। नरेला ज़ोन और शाहदरा ज़ोन के कई नगर निगम विद्यालयों में की गई जांच में शौचालयों की गंदगी, साफ पेयजल की कमी, कक्षाओं में बच्चों के बैठने की असुविधा और भवनों की जर्जर हालत सामने आई। यह हाल उस वक्त है जब इन विद्यालयों में हज़ारों गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं, जिनका भविष्य पूरी तरह सरकारी स्कूलों पर निर्भर है।
निरीक्षण के दौरान नरेला ज़ोन के बांकनेर कन्या विद्यालय, बांकनेर बाल विद्यालय, लामपुर विद्यालय और पाना उद्यान विद्यालय में कई खामियां मिलीं। वहीं शाहदरा ज़ोन के राजीव नगर कन्या विद्यालय, गामडी प्रतिभा विद्यालय और घड़ी मांडू विद्यालय का हाल भी बेहतर नहीं पाया गया। गामडी और घड़ी मांडू विद्यालय के दौरे पर स्थानीय भाजपा पार्षद रेखा रानी भी मौजूद रहीं और उन्होंने साफ़ कहा कि शिक्षा विभाग को मूलभूत सुविधाओं की कमी दूर करने पर तुरंत काम करना चाहिए।
#किसी भी तरह की लापरवाही अस्वीकार्य है : अमित खरखड़ी
अमित खरखड़ी ने मौके पर ही संबंधित प्राचार्यों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए और साफ कहा कि “किसी भी तरह की लापरवाही अस्वीकार्य है। नगर निगम विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे देश का भविष्य हैं, उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वच्छ वातावरण मिलना उनका हक है।”
औचक निरीक्षण के बाद अब बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। जागरूक लोगों का कहना है कि अगर शिक्षा समिति के डिप्टी चेयरमैन को औचक निरीक्षण पर इतनी खामियां मिलीं, तो रोज़मर्रा की पढ़ाई का हाल क्या होगा? करोड़ों का बजट होने के बावजूद नगर निगम स्कूलों में बच्चों को साफ पानी और साफ शौचालय तक क्यों नहीं मिल रहे?
#सरकार और निगम का शिक्षा मॉडल क्या सिर्फ़ भाषणों तक सीमित है?
जनता का कहना है कि जब तक निगम और सरकार जमीनी स्तर पर सख्त कदम नहीं उठाएंगे, तब तक बच्चों की पढ़ाई और भविष्य दोनों खतरे में रहेंगे। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि यह औचक निरीक्षण साफ़ करता है कि दिल्ली के नगर निगम विद्यालय अभी भी अव्यवस्था और लापरवाही के दलदल में फंसे हैं। अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग बच्चों के हक़ की आवाज़ को कितनी गंभीरता से सुनता है।
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