- वे 27 अक्टूबर को चंदगी राम अखाड़े पर आमरण अनशन शुरू करेंगे
नई दिल्ली
“न्याय की आस में दिल्ली के करीब दस हज़ार बेरोजगार बस मार्शलों ने महामहिम राष्ट्रपति को पत्र लिखकर रोजगार देने या फिर आमरण अनशन-इच्छा मृत्यु की मांग करते हुए सरकार को चेतावनी दी है। बेरोजगार मार्शल यूनियन (बीएमयू) के संयोजक मुकेश पाल सिंह ने कहा कि “हमने दिल्ली की बसों में दिन-रात महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाई। लेकिन आज हमें ही सड़कों पर फेंक दिया गया। दो साल से धरना दे रहे हैं, पर कोई सुनवाई नहीं। अब या तो सरकार हमें न्याय दे, या फिर मरने का अधिकार।” उन्होंने कहा कि क्या दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के प्रहरी अब खुद असुरक्षित हैं? क्या सरकार इन दस हज़ार परिवारों के भविष्य की कोई जिम्मेदारी लेगी? बता दें कि पत्र की प्रतिलिपि उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, उप राज्यपाल, मुख्यमंत्री और दिल्ली पुलिस आयुक्त को भी भेजी गई है।
इन बेरोजगार बस मार्शलों ने ऐलान किया है कि वे 27 अक्टूबर 2025, सोमवार, सुबह 10 बजे से चंदगी राम अखाड़े (सिविल लाइंस) पर आमरण अनशन शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार से हमारी मांग है कि बेरोजगार बस मार्शलों को पुनः नियुक्त कर रोजगार बहाली का नोटिफिकेशन तत्काल जारी किया जाए।
- बस मार्शल आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे
बेरोजगार मुकेश पाल ने कहा कि दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा की ड्यूटी निभाने वाले करीब दस हज़ार बस मार्शल आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। इन सभी को बिना किसी पूर्व सूचना के एक झटके में बेरोजगार कर दिया गया। अब न्याय की आस में ये लोग पिछले लगभग एक साल (27 अक्टूबर 2023 से) शांतिपूर्वक धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। थक-हार कर अब इन बेरोजगार मार्शलों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। पत्र में कहा गया है कि “अगर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार रोजगार देने की दिशा में संवैधानिक निर्णय नहीं लेती, तो हम सभी दस हज़ार परिवार आत्महत्या के लिए मजबूर होंगे।”
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