निगम प्रशासन पर गलत आंकड़े देने का आरोप, समान वेतन की मांग पर अडिग यूनियन

निगम प्रशासन पर गलत आंकड़े देने का आरोप, समान वेतन की मांग पर अडिग यूनियन

MCD जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल 26वें दिन भी जारी 
- मेयर की कमेटी बैठक बेनतीजा, कर्मचारियों में रोष और सरकार से सवाल
- 93000 नहीं, मात्र 9000 कर्मचारी निकले वास्तविक 



नई दिल्ली, 24 अक्टूबर 2025 

दिल्ली नगर निगम के जन स्वास्थ्य विभाग के DBC/CFW (एमटीएस) कर्मचारी पिछले 26 दिनों से लगातार रात-दिन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे हुए हैं। कर्मचारियों की यह हड़ताल 29 सितंबर से शुरू हुई थी, जो अब दिल्ली की सड़कों से लेकर निगम मुख्यालय तक बड़ा जनसरोकार बन चुकी है। इन कर्मचारियों का आरोप है कि निगम प्रशासन और दिल्ली सरकार उनकी वर्षों पुरानी समान वेतन की मांग को टालते रहे हैं। “जब अन्य विभागों के कर्मचारियों को ग्रेड-पे और वेरिएबल डीए मिल रहा है, तो हमें समान वेतन क्यों नहीं?” — यूनियन पदाधिकारियों ने सवाल उठाया।


- मेयर की कमेटी बेनतीजा, कर्मचारियों में असंतोष
यूनियन ने अपने बयान में आज कहा कि मेयर राजा इकबाल सिंह की अध्यक्षता में तथाकथित “समझौता कमेटी” की आज बैठक आयोजित की गई, जिसमें यूनियन के दो प्रतिनिधियों को बुलाया गया। लेकिन बैठक बिना किसी ठोस परिणाम के समाप्त हो गई। कमेटी के सामने निगम प्रशासन द्वारा दिए गए आंकड़ों पर बड़ा विवाद छिड़ गया। निगम की ओर से बताया गया कि विभाग में 93,000 कर्मचारी हैं, जबकि यूनियन ने दस्तावेज़ों के साथ स्पष्ट किया कि वास्तविक संख्या केवल 9,000 के आसपास है। यूनियन के मुताबिक यह ‘आंकड़ों की बाज़ीगरी’ कर्मचारियों को गुमराह करने और सरकार को गलत जानकारी देने की साजिश है।

- “हमारा हक़ छीना गया, लेकिन हौसला नहीं टूटा”

एंटी मलेरिया एकता कर्मचारी यूनियन (रजि०) ने कहा कि कर्मचारियों का 30 वर्षों का परिश्रम और जीवन निगम की नीतिगत बेरुखी की भेंट चढ़ गया है। बताया गया कि “हमारे साथ और हमारे परिवारों के साथ प्रशासन ने बहुत बड़ा अत्याचार किया है। पर हमारा मनोबल नहीं टूटा, बल्कि हौसला और मजबूत हुआ है।” — यूनियन प्रतिनिधि

- मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से किया सीधा सवाल
कर्मचारियों ने दिल्ली की मुख्यमंत्री से भी सीधा सवाल करते हुए कहा है कि “जब डेटा गलत दिया जा रहा है, तब मुख्यमंत्री स्वयं बैठक लेकर सच्चाई का पता क्यों नहीं लगातीं कि सही क्या है और गलत क्या?” कर्मचारियों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी जानबूझकर गलत आंकड़े पेश कर मुख्यमंत्री और मेयर दोनों को गुमराह कर रहे हैं।

- दो दिन बाद फिर कमेटी की बैठक
मेयर ने स्थिति को देखते हुए दो दिन का और समय मांगा है, जिसके बाद पुनः कमेटी की बैठक बुलाई जाएगी। हालांकि यूनियन का कहना है कि अब तक की बैठकों से कोई ठोस समाधान नहीं निकला है, इसलिए हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक समान वेतन और सम्मानजनक बहाली का निर्णय नहीं होता।

- “अब सड़कों पर न्याय मांगेंगे”
यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि दबाव या धमकी के ज़रिए कर्मचारियों को हड़ताल से हटाने की कोशिश की गई, तो सभी कर्मचारी पूरी दिल्ली में पैदल मार्च करेंगे, गले में तख्ती लटकाकर जनता को भी अपने साथ हुए अन्याय की कहानी बताएंगे। एंटी मलेरिया एकता कर्मचारी यूनियन ने कहा कि “हम झुकेंगे नहीं — समान वेतन लेकर ही लौटेंगे।”



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