— ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन के प्रति बढ़ी जागरूकता, आत्मसम्मान और जीवन गुणवत्ता में आया सुधार
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर 2025
महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर से जूझने के बाद आत्मविश्वास और गरिमा को पुनर्स्थापित करने की दिशा में अपोलो एथेना विमेंस कैंसर सेंटर ने एक सराहनीय पहल की है। केंद्र द्वारा आयोजित ‘BRAVE – ब्रैस्ट रिकंस्ट्रक्शन अवेयरनेस, वॉइस एंड एजुकेशन’ जागरूकता सत्र ने कैंसर से उबर चुकी महिलाओं के जीवन में नई ऊर्जा और उम्मीद का संचार किया। इस वर्ष के कार्यक्रम का विषय था — “Beyond Survival: Towards Adding Life to Her Years”।
रिकंस्ट्रक्शन: केवल शरीर नहीं, आत्मविश्वास की पुनर्स्थापना
अपोलो एथेना विमेंस कैंसर सेंटर के प्लास्टिक एवं ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. वेंकट रामकृष्णन ने बताया कि अब ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन तकनीकें इतनी उन्नत हो चुकी हैं कि मरीज के अपने ही शरीर के ऊतक (अक्सर पेट की चर्बी) से नया ब्रेस्ट तैयार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह सर्जरी न केवल सुरक्षित है बल्कि इसकी सफलता दर 99% से अधिक है। यह मरीज के जीवन या कैंसर से संबंधित किसी जोखिम को नहीं बढ़ाती। बल्कि शरीर की प्राकृतिक सुंदरता को भी बनाए रखती है।
डॉ. वेंकट के अनुसार, माइक्रोसर्जिकल तकनीक के माध्यम से ब्रेस्ट हटाने की सर्जरी (मैस्टेक्टॉमी) के साथ ही रिकंस्ट्रक्शन किया जा सकता है, जिससे महिलाओं को अलग-अलग सर्जरी की परेशानी से बचाया जा सकता है। साथ ही, कई मामलों में रेडियोथेरेपी की आवश्यकता भी घट जाती है।
रिकंस्ट्रक्शन = नया जीवन दृष्टिकोण
डॉ. वेंकट ने ज़ोर देकर कहा कि
> “मैस्टेक्टॉमी के बाद ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन केवल कॉस्मेटिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि समग्र कैंसर केयर का हिस्सा है। यह महिला को मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक रूप से फिर से सशक्त बनाता है।”
उन्होंने एक प्रेरक उदाहरण साझा किया —
उद्यमी सोफिया रमन, जिन्हें ब्रेस्ट कैंसर हुआ था, ने DIEP प्रक्रिया से ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन करवाया। अब वे आत्मविश्वास और गरिमा की मिसाल हैं।
महिलाओं में बढ़ रहा आत्मविश्वास
ब्रेस्ट सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग की लीड डॉ. गीता कडयप्रथ ने भी कहा कि,
> “जब मरीजों को बताया जाता है कि उनका ब्रेस्ट दोबारा बनाया जा सकता है, तो उनमें जीने की इच्छा और आत्मविश्वास दोनों लौट आते हैं। यह उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए चमत्कारिक रूप से सहायक है।”
उन्होंने सुनीता नामक एक मरीज का उदाहरण देते हुए बताया कि सर्जरी के बाद सुनीता ने न केवल अपना शरीर बल्कि आत्म-सम्मान भी वापस पाया।
BRAVE: एक संवेदनशील मुहिम
BRAVE पहल भारत में अपनी तरह का पहला मंच है, जो केवल ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन को समर्पित है। इसका उद्देश्य है —
महिलाओं को सही चिकित्सा जानकारी और विकल्प प्रदान करना,
चिकित्सकों और विशेषज्ञों को जोड़कर सहयोगी उपचार प्रणाली विकसित करना,
और कैंसर से उबरने के बाद महिलाओं को सम्मानपूर्वक जीवन जीने की प्रेरणा देना।
सत्र का समापन: हर महिला का अधिकार
कार्यक्रम के समापन सत्र में आयोजित मल्टीडिसिप्लिनरी पैनल डिस्कशन में विशेषज्ञों ने कहा कि —
> “हर महिला को ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन का अधिकार है, और यह चिकित्सा जगत की ज़िम्मेदारी है कि उसे हर कदम पर सही जानकारी और सहयोग मिले।”
जनहित संदेश
ब्रेस्ट कैंसर से जूझ चुकी हर महिला को यह जानना ज़रूरी है कि रिकंस्ट्रक्शन केवल सौंदर्य नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और जीवन की गुणवत्ता को लौटाने की प्रक्रिया है।
अपोलो एथेना की ‘BRAVE’ पहल इसी दिशा में महिलाओं को नई पहचान, नई ताकत और नया जीवन दे रही है।
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