गले में तख्तियां लटकाकर दिल्ली की सड़कों पर पैदल मार्च करेंगे MCD MTS कर्मचारी

गले में तख्तियां लटकाकर दिल्ली की सड़कों पर पैदल मार्च करेंगे MCD MTS कर्मचारी 

#28 दिन से भूखे-प्यासे निगम कर्मचारी अब सड़क पर न्याय मांगेंगे 
#सरकार की बेरुखी पर भड़का जन स्वास्थ्य विभाग
#मेयर की बैठक में भी समाधान नहीं, मुख्यमंत्री के सामने से गुजरने पर भी नहीं मिला हालचाल #अब कर्मचारी करेंगे पैदल मार्च और गले में तख्ती लटका कर करेंगे विरोध

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर 2025

दिल्ली नगर निगम के जन स्वास्थ्य विभाग के DBC/CFW (एमटीएस) कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल आज लगातार 28वें दिन भी जारी रही। कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि निगम प्रशासन और सरकार की बेरुखी के चलते उनके जायज़ मुद्दों पर आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।MTS कर्मचारियों ने एलान किया है कि अगर जल्द ही उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे दिल्ली की सड़कों पर पैदल मार्च करेंगे, गले में तख्तियां लटकाकर जनता को अपने साथ हुए अन्याय की कहानी बताएंगे।
एंटी मलेरिया एकता कर्मचारी यूनियन (रजि०) के पदाधिकारियों ने बताया कि 24 अक्टूबर को हुई मेयर राजा इकबाल की तथाकथित कमेटी मीटिंग में साफ़ हुआ कि कर्मचारियों की मांगें पूरी तरह से उचित हैं। बैठक में सही आंकड़े सामने आने के बावजूद, मेयर ने सिर्फ़ दो दिन बाद की बैठक का भरोसा देकर मामला टाल दिया।

कर्मचारियों का कहना है कि “जब 213 कर्मचारियों को पहले ही ग्रेड पे और वेरिएबल लाभ दिए जा चुके हैं, तो बाकी 4000 कर्मचारियों के साथ भेदभाव क्यों? अधिकारी वर्ग ने मुख्यमंत्री और मेयर दोनों को गलत डेटा दिया है, जिससे मुद्दा उलझता जा रहा है।”

#मुख्यमंत्री के रवैये से आहत कर्मचारी
कर्मचारियों ने यह भी बताया कि शनिवार को सिविक सेंटर में आयोजित अणुव्रत कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और मेयर साहब स्वयं मौजूद थे। “वे हमारे सामने से गेट नंबर 5 से गुज़रीं, लेकिन एक बार भी उन कर्मचारियों का हाल तक नहीं पूछा जो 28 दिनों से धरने पर बैठे हैं। यह हमारे लिए बहुत ही दुखद और अपमानजनक था।” कर्मचारियों ने कहा कि वे अब यह अपील करेंगे कि मुख्यमंत्री स्वयं संज्ञान लें और सच्चाई जानें — कौन सही है और कौन अधिकारी गुमराह कर रहा है।


यूनियन पदाधिकारियों ने कहा कि “हम दुखी हैं, लेकिन हमारा मनोबल टूटा नहीं। बल्कि अब हमारा हौसला और बढ़ गया है। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, हड़ताल जारी रहेगी।” 



#तीन दशक की सेवा, फिर भी उपेक्षा
जन स्वास्थ्य विभाग के ये कर्मचारी पिछले 30 वर्षों से दिल्ली की जनता की सेहत और स्वच्छता के लिए दिन-रात काम करते आए हैं, परंतु अब वही कर्मचारी हक और सम्मान के लिए सड़कों पर हैं। यूनियन के मुताबिक़ “हम दिल्ली को डेंगू-मलेरिया से बचाते हैं, लेकिन अब अपने परिवारों को भूख से बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।”

जनहित में सवाल करते हुए यूनियन का कहना है कि जब शासन प्रशासन दोनों मान चुके हैं कि मांगें जायज़ हैं, तो फैसला अब तक क्यों लंबित है? क्या सरकार कर्मचारियों की आवाज़ सुनने के बजाय उन्हें सड़कों पर उतरने को मजबूर कर रही है? क्या 30 वर्षों की सेवा का यही इनाम है — भूख, उपेक्षा और अन्याय? दिल्ली सरकार और निगम प्रशासन को चाहिए कि कर्मचारियों की जायज़ मांगों का तुरंत समाधान करे, ताकि राजधानी की जन स्वास्थ्य व्यवस्था और मानवता — दोनों की साख बची रहे।

Comments

  1. झूठ झूठ अब शायद सिर्फ झूठ का ही साया है।
    कर्मचारी मारे या मर जाए
    फर्क नहीं पड़ता मुख्यमंत्री महोदय को,
    फर्क नहीं पड़ता मेयर साहब को ,
    फर्क नहीं पड़ता दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष को
    29 दिन के बाद कोई आपकी सनी भी ना करें तो इसका मतलब है की आपको वह कुछ देना ही नहीं चाहते सिर्फ झूठ बोलते हैं कि कर्मचारी हमारा परिवार है तो यह कैसा परिवार कि आपके घर में दिवाली और हमारे कर्मचारियों की दिवाली काली,?

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  2. मेयर साहब कुछ तो रहम खाओ हमारे बच्चों पर MTS ( PH ) को उनका हक देकर. धन्यवाद

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