दिल्ली में आरंभ हुआ ‘अखिल भारतीय दैवी संस्कृति जागृति अभियान’
— शांति, प्रेम और सद्भाव की वैश्विक संस्कृति की ओर कदम
नई दिल्ली, 2 नवम्बर 2025
राजधानी दिल्ली के प्रीत विहार स्थित पी.एस.के. सभागार में रविवार को “शांति, प्रेम तथा सद्भाव की वैश्विक संस्कृति” योजना के अंतर्गत “अखिल भारतीय दैवी संस्कृति जागृति अभियान” का शुभारंभ हुआ। इस भव्य आयोजन में देशभर से आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जगत से जुड़ी प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ, जिसके पश्चात ब्रह्माकुमारीज़ के कला, संस्कृति एवं युवा प्रभाग की अध्यक्षा राजयोगिनी चंद्रिका दीदी (अहमदाबाद) ने अपने उद्बोधन में कहा कि “जीवन में सच्चा आनंद और शांति तभी संभव है जब मनुष्य आध्यात्मिकता को अपने जीवन में अपनाए। आत्मा के सात मूल गुण — शांति, प्रेम, पवित्रता, सुख, शक्ति, ज्ञान और आनंद — को चेतना में लाना ही दैवी संस्कृति की पुनर्स्थापना का आधार है।” उन्होंने कहा कि यह अभियान भारत को ‘विश्व गुरु’ बनने की दिशा में अग्रसर करेगा और कला को सकारात्मक दिशा देकर एक महान संस्कृति का पुनर्जागरण संभव बनाएगा।
इस अवसर पर कृष्णा नगर विधानसभा के विधायक डॉ. अनिल गोयल ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्था नारी सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि “इस विश्वविद्यालय का नेतृत्व बहनों के हाथों में है, जो समाज को नई सोच और सकारात्मक जीवन की दिशा प्रदान कर रहा है। ब्रह्माकुमारीज़ की शिक्षाएं व्यक्ति को भूतकाल के दुख और भविष्य की चिंता से मुक्त कर वर्तमान में जीना सिखाती हैं।”
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में पद्मश्री जितेंद्र सिंह शंटी (संस्थापक, शहीद भगत सिंह सेवादल), डॉ. नेम सिंह प्रेमी (अध्यक्ष, अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन), मिस इंडिया 2015 एवं मिस ब्यूटी वर्ल्ड 2019 कुमारी इशा अग्रवाल, मिस वर्ल्ड इंटरनेशनल 2025 सलोनी मल्होत्रा तथा पद्मश्री भरतनाट्यम नृत्यांगना कुमारी देवयानी उपस्थित रहीं और उन्होंने इस पहल को “आध्यात्मिक संस्कृति की दिशा में मील का पत्थर” बताया।
करनाल से आईं राष्ट्रीय संयोजिका ब्रह्माकुमारी प्रेम दीदी ने ईश्वरीय संदेश दिए, जबकि ब्रह्माकुमारी अल्पा ने राजयोग की गहन अनुभूति कराई। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी रचना ने किया और ब्रह्माकुमारी भावना ने आभार व्यक्त किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों, प्रेरक वक्तव्यों और ध्यान-सत्रों से सजे इस आयोजन में लगभग 400 से अधिक लोगों ने भाग लेकर “दैवी संस्कृति जागृति” के इस महाअभियान को समर्थन दिया। यह अभियान देशभर में शांति, प्रेम और सद्भाव के प्रसार के साथ मानवता की नई दिशा निर्धारित करने की दिशा में एक सशक्त कदम माना जा रहा है।
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