प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली सरकार का एक्शन जारी, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक

प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली सरकार का एक्शन जारी, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक 

बच्चों की सुरक्षा के लिए पांचवीं कक्षा तक के स्कूल हाइब्रिड मोड में होंगे संचालित: सीएम रेखा गुप्ता   

राजधानी में ग्रैप चरण-III का सख्त अनुपालन, उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्रवाई: सीएम रेखा गुप्ता 

नई दिल्ली, 11 नवंबर 2025

दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने घोषणा की है कि प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए दिल्ली के सभी स्कूलों की पांचवी कक्षा तक की पढ़ाई अस्थायी रूप से हाइब्रिड मोड में संचालित की जाएगी। आवश्यकता के अनुसार पांचवी कक्षा तक के छात्रों की कक्षाएं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से चलेगी ताकि वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बच्चों को बचाया जा सके। मुख्यमंत्री का स्पष्ट कहना है कि बच्चों के स्वास्थ्य की की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने आज उच्चस्तरीय बैठक में प्रदूषण की स्थिति को लेकर उच्चस्तयरीय समीक्षा बैठक की और कई अन्य प्रभावी निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री का स्पष्ट कहना है कि प्रदूषण से जुड़ी चुनौतियों का समाधान अब मिशन मोड में और बिना किसी देरी के किया जा रहा है।

बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर लिया गया अहम निर्णय 

दिल्ली सचिवालय में आयोजित इस उच्चस्तरीय बैठक में सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री प्रवेश साहिब सिंह, श्री आशीष सूद, श्री मनजिंदर सिंह सिरसा, मुख्य सचिव श्री राजीव वर्मा सहित सम्बंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में वायु प्रदूषण के तीन प्रमुख कारणों जैसे वाहन प्रदूषण, बायोमास बर्निंग या खुले में कूड़ा जलाना और धूल प्रदूषण पर विस्तार से चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने निर्देश जारी किए कि इन समस्याओं का स्थायी समाधान सुनिश्चित करने के लिए तत्काल और समयबद्ध कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी में सीएक्यूएम द्वारा ग्रेप के चरण-III लागू किया जा रहा है। इसलिए बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कक्षा पांचवी तक दिल्ली के स्कूलों को अस्थायी रूप से हाइब्रिड मोड में संचालित किया जाएगा। पांचवीं कक्षा तक के छात्रों की कक्षाएं आवश्यकतानुसार ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से आयोजित की जाएंगी ताकि वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बच्चों को बचाया जा सके। मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए वॉटर स्प्रिंकलर्स, एंटी-स्मॉग गन, मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें, कूड़े के ढेरों का त्वरित निस्तार और निर्माण स्थलों पर वायु प्रदूषण से सम्बंधित नियम जैसी व्यवस्थाएं पहले से सख्ती से लागू हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार मौजूदा प्रदूषण स्थिति को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए मिशन मोड में कार्य कर रही है। 

राजधानी में ग्रेप -III हुआ सख्ती से लागू, एनफोर्समेंट टीमों को बढ़ाई गई संख्या 

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राजधानी में सीएक्यूएम द्वारा ग्रेप के चरण-III को सख्ती से लागू किया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नियमों का उल्लंघन करने वाली निर्माण साइटों या अन्य प्रदूषण स्रोतों पर तुरंत सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी और भारी जुर्माना लगाया जाएगा। इस नीति का पालन सभी विभागों द्वारा पूरी गंभीरता और पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि वायु प्रदूषण पर नियंत्रण और पर्यावरणीय मानकों के सख्त अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने इस वर्ष एनफोर्समेंट टीमों को और मज़बूत किया है। इस उद्देश्य से, इस वर्ष एनफोर्समेंट टीमों की संख्या को बढ़ाकर 2,088 कर दिया गया है। इन अतिरिक्त टीमों को विशेष रूप से उन स्थानों पर तैनात किया जाएगा, जहां प्रदूषण की समस्या अधिक गंभीर है या जहां नियमों के उल्लंघन की शिकायतें मिलती रही हैं। साथ ही डिविज़नल कमिश्नर और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट्स को इन सभी टीमों की निगरानी करने के भी निर्देश दिए गए है। ये टीमें सड़कों पर गश्त करेंगी, वाहनों का निरीक्षण करेंगी और मानदंडों का उल्लंघन करने वालों पर तत्काल कार्रवाई करेंगी। 

धूल प्रदूषण नियंत्रण हेतु युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली के विभिन्न प्रदूषण हॉटस्पॉट क्षेत्रों की रिपोर्ट से पता चला है कि कई स्थानों पर खुले क्षेत्र और कच्ची सतहें धूल प्रदूषण को बढ़ावा दे रही हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे क्षेत्रों को चरणबद्ध तरीके से पक्का किया जाए, नियमित साफ-सफाई की जाए और प्रभावी धूल नियंत्रण उपाय अपनाए जाएं। धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री ने एमसीडी, पीडब्ल्यूडी और अन्य संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया कि दिल्ली की सड़कों को शीघ्र ‘वॉल टू वॉल’ बनाया जाए, ताकि सड़क किनारों पर जमा धूल को पूरी तरह समाप्त किया जा सके और स्वच्छता व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके। इसके साथ साथ सड़को पर मौजूद गड्ढों की तत्काल पहचान कर उनकी मरम्मत प्राथमिकता के आधार पर करने का निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी प्रदूषण हॉटस्पॉट क्षेत्रों में 300 से अधिक मिस्ट स्प्रे सिस्टम को 30 नवम्बर तक अनिवार्य रूप से स्थापित करने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि प्रत्येक हॉटस्पॉट पर पर्याप्त कवरेज हो ताकि धूल और प्रदूषण के स्तर को प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सके। 

ठोस अपशिष्ट को लेकर विभिन्न निकायों को सख्त निर्देश

इसके अतिरिक्त उन्होंने निर्देश दिया कि दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर लंबे समय से बिना निस्तारण पड़े ठोस अपशिष्ट और कूड़े को नियमित एवं सतत अभियान के तहत तुरंत साफ किया जाए। सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर जमा सीएंडडी कचरे को प्रतिदिन हटाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने दिल्ली मेट्रो, एनबीसीसी, एनसीआरटीसी, और एनएचएआई जैसी सभी निर्माण एजेंसियों को सख्त निर्देश दिया कि निर्माण कार्य के दौरान धूल नियंत्रण उपायों का पूर्ण पालन किया जाए और सभी निर्माण स्थलों पर कार्य की पूर्णता या बहाली तक बैरिकेडिंग अनिवार्य रूप से जारी रखी जाए। इसके अतिरिक्त इन सभी निर्माण स्थलों पर स्मॉग गन्स भी लगाने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने एनबीसीसी को निर्देश दिया कि सीएंडडी वेस्ट के उचित निस्तारण और रीसाइक्लिंग के लिए एक प्रभावी मैकेनिज्म विकसित कर ,उसपे कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार ने सभी सम्बंधित विभाग के अधिकारियो को निर्देश दिए है कि एक निश्चित समय-सीमा के भीतर इन समस्याओं पर कार्य शुरू किया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाए, ताकि स्वच्छता के प्रति जवाबदेही बने। 

खुले में कचरा और बायोमास जलाने पर रोक 

खुले में कूड़ा और बायोमास जलाने से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को उन घरों की पहचान करने का निर्देश दिया, जो अभी भी खाना पकाने के लिए चूल्हे या पारम्परिक ईंधन का उपयोग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इन परिवारों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से जोड़ने के लिए त्वरित अभियान चलाया जाएगा। इसके अतिरिक्त ठंड के मौसम में खुले में आग जलाने से बचने के लिए, सिक्योरिटी गार्ड को इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध किये जाएंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग डेटा से संबंधित जो असुविधा सामने आई थी, वह दिल्ली की नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी व्यवधान के कारण थी। वास्तविक समय के डेटा में दिल्ली के रिकॉर्ड सामान्य रूप से उपलब्ध थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली का वायु प्रदूषण केवल स्थानीय नहीं, बल्कि आसपास के राज्यों के प्रदूषण और मौसमीय परिस्थितियों से भी प्रभावित होता है। इसके बावजूद दिल्ली सरकार पूरी निष्ठा, गंभीरता और योजनाबद्ध तरीके से प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगातार कार्य कर रही है।

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