निगम के करोड़ों बकाया पर खामोशी क्यों? अमित नागपाल बोले – ‘राजस्व लीक रोकें, जवाबदेही तय करें’
- मैट्रो मॉल से लेकर इंडस्ट्रियल एरिया तक निगम को भारी नुकसान, स्पा सेंटर और अवैध निर्माणों पर भी कार्रवाई की मांग
नई दिल्ली।
निगम में हमेशा बजट की कमी का रोना रोया जाता है, लेकिन इसके बावजूद करोड़ों रुपये के बकाये पर कार्रवाई न होना गंभीर सवाल खड़े करता है। निगम पार्षद अमित नागपाल ने कहा कि पे-लीवचार्ज अकाउंट के तहत दिल्ली नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आने वाली एजेंसियों — जैसे एनडीपीएल, बीएसईएस और अन्य कंपनियों — पर करीब 5 से 7 हजार करोड़ रुपये तक की राशि बकाया है, जिसे वसूलने के प्रति निगम पूरी तरह उदासीन है।
अमित नागपाल ने कहा कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने कई स्थानों पर मॉल बनाए हैं, लेकिन न तो उनके पास किसी विभाग की स्वीकृति है और न ही निगम उनसे कोई टैक्स वसूलता है। उन्होंने बताया कि मेट्रो की पार्किंग से जुड़े मामलों पर भी केस चल रहे हैं, जिससे निगम को लगातार राजस्व का नुकसान हो रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे मामलों को निगम को ट्रैक पर लाना चाहिए और नियम उल्लंघन करने वालों के लाइसेंस रद्द किए जाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि जहां 30 मीटर से अधिक ऊंचाई पर निर्माण प्रतिबंधित है, वहीं पैसिफिक मॉल में 42 मीटर ऊंचा निर्माण कार्य चल रहा है, जिसकी तत्काल जांच की जानी चाहिए। इसी प्रकार बैंक्वेट हॉल और इंडस्ट्रियल एरिया से कॉमर्शियल टैक्स न वसूलना भी निगम की राजस्व नीति पर सवाल उठाता है।
अवसंरचना की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए नागपाल ने कहा कि नालों पर बनाए गए स्लैब्स की क्वालिटी बेहद खराब है। जहां 10 एम.एम. की सरिया की जगह 6 या 8 एम.एम. की सरिया इस्तेमाल की जा रही है। सीमेंट की गुणवत्ता भी मानकों पर खरी नहीं उतरती। उन्होंने सुझाव दिया कि एक्रेलिक स्लैब्स का प्रयोग बेहतर विकल्प हो सकता है।
विज्ञापन नीति पर सुधार की मांग करते हुए नागपाल ने कहा कि दुकानदारों से केवल अतिरिक्त आकार (एक्स्ट्रा साइज) के हिसाब से ही विज्ञापन शुल्क वसूला जाए। उन्होंने यह भी बताया कि उनके क्षेत्र में एक होटल ने चार फुट का छज्जा मेन सड़क पर निकाल रखा है, जो अवैध है — ऐसे निर्माणों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
नागपाल ने कहा कि रिहायशी इलाकों में चल रहे स्पा सेंटरों को बंद किया जाए क्योंकि ये स्थानीय लोगों की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि सड़कों पर लगे 16 मीटर ऊंचे इलेक्ट्रिक पोलों को 12 मीटर किया जाए ताकि दुर्घटनाओं और अव्यवस्था से बचा जा सके।
अंत में उन्होंने कहा कि निगम को बजट की कमी की शिकायत करने से पहले अपने घर की सफाई करनी चाहिए। अगर निगम अपने बकाये और टैक्स सही तरीके से वसूल कर ले तो दिल्ली की नागरिक सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए किसी बाहरी फंड की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
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