भारत कृषि नवाचार और आत्मनिर्भरता की नई राह पर अग्रसर : डॉ जाट


भारत कृषि नवाचार और आत्मनिर्भरता की नई राह पर अग्रसर : डॉ जाट
- फसल अवशेष जलाने में 95 प्रतिशत कमी, डिजिटल खेती और जैव विविधता पर होगा आईएसी 2025 का फोकस

 नई दिल्ली

भारत कृषि नवाचार और आत्मनिर्भरता की नई राह पर अग्रसर है और फसल अवशेष जलाने में 95 प्रतिशत की कमी हुई है साथ ही आईएसी 2025 का खेती और जैव विविधता में डिजिटल प्रणाली के उपयोग पर फोकस होगा। नई दिल्ली स्थित एनएएससी कन्वेंशन सेंटर छठे अंतर्राष्ट्रीय एग्रोनॉमी कांग्रेस (आईएसी)-2025 के शनिवार को कर्टेन रेजर कार्यक्रम के आयोजन पर डीएआरई के सचिव और आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम. एल. जाट ने ने बतौर विशिष्ट अतिथि यह संबोधन दिया। 

उन्होंने यह भी कहा कि युवा वैज्ञानिक इस डिजिटल क्रांति को खेत स्तर तक पहुंचाने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे। कार्यक्रम की शुरुआत इंडियन सोसायटी ऑफ एग्रोनॉमी के अध्यक्ष, डॉ. एस. के. शर्मा के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने आईएसी की संरचना, थीमैटिक सत्रों और प्रस्तावित विचार-विमर्श की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि ऐसे वैज्ञानिक मंच ज्ञान-विनिमय, नीति निर्माण और एग्रोनॉमी अनुसंधान को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम. एल. जाट ने डेटा-चालित एग्रोनॉमी की बढ़ती प्रासंगिकता पर बोलते हुए उन्होंने इंटरनेट ऑफ थिंग्स, बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे साधनों को निर्णय समर्थन के लिए महत्वपूर्ण बताया। इसमें आईसीएआर के शीर्ष नेतृत्व, इंडियन सोसायटी ऑफ एग्रोनॉमी के पदाधिकारी, आईएआरआई के वैज्ञानिक तथा विभिन्न मीडिया संस्थानों केप्रतिनिधि शामिल हुए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आगामी तीन दिवसीय सम्मेलन का औपचारिक परिचय देना और कृषि क्षेत्र की उभरती चुनौतियों से निपटने में एग्रोनॉमी के महत्व को उजागर करना था।

Comments