MCD डॉग शेल्टर समिति की बैठक में पार्षद योगेश कुमार वर्मा ने दिए बेहतर सुझाव




MCD डॉग शेल्टर समिति की बैठक में पार्षद योगेश कुमार वर्मा ने दिए बेहतर सुझाव

- अव्यवस्थाओं पर कड़ी कार्रवाई व ज़मीनी सुधार की मांग
- सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन, नागरिक सुरक्षा, पशु कल्याण और डॉग-मैनेजमेंट सिस्टम को मजबूत बनाने हेतु 8 बड़े सुझाव पेश

नई दिल्ली, सोमवार

दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति द्वारा गठित डॉग शेल्टर कमेटी की आज हुई बैठक में समिति सदस्य एवं निगम पार्षद योगेश कुमार वर्मा ने स्ट्रे डॉग प्रबंधन को प्रभावी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण और व्यवहारिक सुझाव रखे। पार्षद वर्मा ने अधिकारियों को सुझाव दिए कि कार्य में देरी बंद कर तेजी और पारदर्शिता के साथ सभी कदम लागू किए जाएं। बैठक स्थाई समिति में उपाध्यक्ष सुंदर सिंह तंवर की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इस दौरान निगम के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

पार्षद योगेश कुमार वर्मा ने कहा कि इन कदमों के लागू होने से न केवल नागरिक सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि स्ट्रे डॉग प्रबंधन वैज्ञानिक और संवेदनशील तरीके से किया जा सकेगा।
1. फीडिंग नियमों के उल्लंघन पर त्वरित चालान का प्रस्ताव

योगेश वर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप यदि कोई व्यक्ति निर्धारित स्थानों के अलावा अन्य जगह फीडिंग करता है, आदेशों का उल्लंघन करता है या डॉग स्क्वायड के काम में बाधा डालता है, तो उसके खिलाफ तत्काल चालान किया जाए। उन्होंने वेटरनरी ऑफिसर और सेनेटरी इंस्पेक्टर को चालान की शक्ति दिए जाने का सुझाव भी रखा।

2. वार्ड-वार ABC (नसबंदी) और टीकाकरण अभियान का लक्ष्य
अगले 6 महीनों में हर वार्ड में निर्धारित लक्ष्य के साथ ABC/टीकाकरण अभियान चलाने पर ज़ोर दिया गया। हर ज़ोन में 2 अतिरिक्त मोबाइल वैन लगाने, पशुपालन विभाग व NGOs के साथ MoU करने और हर कुत्ते को कान-टैग/QR टैग देने का सुझाव भी दिया गया।

3. वैज्ञानिक आधार पर फीडिंग पॉइंट्स का निर्धारण
निगम भूमि, ग्रीन बेल्ट, पार्क आदि को फीडिंग ज़ोन बनाने और स्कूल, अस्पताल, बाजार, बस-स्टैंड के पास फीडिंग पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई। इन फीडिंग पॉइंट्स पर CCTV और सूचना पट्ट लगाने की मांग भी उठाई गई।


4. आक्रामक व रेबीज़-संदिग्ध कुत्तों के लिए विशेष व्यवस्था

हर जोन में “High Risk Dog Holding Area” बनाने और शिकायत मिलने पर 24 घंटे के भीतर ऐसे कुत्तों को पकड़ने की अनिवार्य व्यवस्था का सुझाव दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के नियम अनुसार, ऐसे कुत्तों को वापस उसी क्षेत्र में न छोड़े जाने पर भी बल दिया गया।

5. निगम डॉग शेल्टर की क्षमता बढ़ाने की मांग
योगेश वर्मा ने सभी मौजूदा शेल्टरों की क्षमता दोगुनी करने, चिकित्सा स्टाफ, सहायक, सफाई कर्मी आदि की नई नियुक्ति सुनिश्चित करने और रिकॉर्ड का साप्ताहिक निरीक्षण अनिवार्य करने पर जोर दिया।

6. “Stray Dog Unified Helpline” शुरू करने का सुझाव
4–6 घंटे में अनिवार्य प्रतिक्रिया देने वाली ज़ोनल टीमें बनाई जाएं और RWAs, मार्केट एसोसिएशन व स्कूल प्रतिनिधियों को मॉनिटरिंग ग्रुप में शामिल किया जाए।

7. नागरिक सुरक्षा व जनजागरूकता कार्यक्रम
RWAs और स्कूलों को "डॉग-बाइट प्रिवेंशन प्रोटोकॉल" उपलब्ध कराने, PHCs में एंटी-रेबीज़ वैक्सीन उपलब्ध रखने और कचरा प्रबंधन में सुधार की मांग की गई।
उन्होंने कहा कि सड़क पर खाने-पीने का कचरा फेंकने वालों पर भी चालान होना चाहिए।

8. वार्ड-स्तरीय निगरानी समिति का गठन
प्रत्येक वार्ड में "Stray Dog Monitoring Committee" बनाने का सुझाव दिया गया, जिसमें निगम अधिकारी, पार्षद, RWA प्रतिनिधि, पशु चिकित्सक और NGO प्रतिनिधि शामिल होंगे।




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