दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला: तिहाड़ जेल फैक्ट्री से 10,000 डुअल डेस्क खरीदकर स्कूलों में फर्नीचर की कमी होगी दूर : रविन्द्र इंद्राज
दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला: तिहाड़ जेल फैक्ट्री से 10,000 डुअल डेस्क खरीदकर स्कूलों में फर्नीचर की कमी होगी दूर : रविन्द्र इंद्राज
#कैबिनेट की ऐतिहासिक पहल—कैदियों को मिलेगा कौशल विकास व पुनर्वास का अवसर, स्कूलों को मिलेगा गुणवत्तापूर्ण और किफायती फर्नीचर
नई दिल्ली
दिल्ली सचिवालय में मंगलवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में शिक्षा व समाज कल्याण से जुड़े एक महत्वपूर्ण निर्णय पर मुहर लगी। समाज कल्याण मंत्री रविंद्र इंद्राज ने जानकारी दी कि सरकार ने तिहाड़ सेंट्रल जेल फैक्टरी से 10,000 डुअल डेस्क खरीदने का फैसला लिया है। यह कदम न केवल सरकारी स्कूलों में फर्नीचर की भारी कमी को दूर करेगा, बल्कि तिहाड़ के कैदियों के लिए रोजगार, कौशल विकास और पुनर्वास के अवसर भी बढ़ाएगा।
मंत्री के अनुसार, तिहाड़ में तैयार किए जा रहे डेस्क लोक निर्माण विभाग (PWD) के निर्धारित मानकों के अनुरूप हैं और बाज़ार में उपलब्ध फर्नीचर की तुलना में लगभग 25% अधिक किफायती हैं। इससे सरकारी धन की बचत होगी और स्कूलों को गुणवत्तापूर्ण फर्नीचर समय पर उपलब्ध कराया जा सकेगा।
सरकार ने पहले चरण में 10,000 डेस्क खरीदने का फैसला किया है, जबकि कुल 25,000 डेस्क की आवश्यकता को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। इस पहल को शिक्षा क्षेत्र में सुधार और कैदियों के पुनर्वास—दोनों ही fronts पर सरकार की दूरदृष्टि का परिणाम माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि तिहाड़ में चल रही फैक्टरी गतिविधियाँ कैदियों को रोजगारपरक कौशल देती हैं, जिससे रिहाई के बाद उनकी आजीविका के अवसर बढ़ते हैं। वहीं, स्कूलों में बेहतर फर्नीचर से छात्रों के सीखने के माहौल में भी सकारात्मक सुधार होगा।
सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण सुविधाएँ उपलब्ध कराने और तिहाड़ के कैदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की यह पहल जनहित में एक सराहनीय कदम माना जा रहा है।
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