मुबारकपुर डबास में धर्मेंद्र देओल को भावभीनी श्रद्धांजलि

मुबारकपुर डबास में धर्मेंद्र देओल को भावभीनी श्रद्धांजलि
इंसानियत, सादगी और मानवीय मूल्यों की मिसाल को नमन

नई दिल्ली / मुंडका

मुबारकपुर डबास, दिल्ली — बॉलीवुड के महान अभिनेता और इंसानियत के प्रतीक स्वर्गीय धर्मेंद्र देओल के 90वें जन्मदिन पर आज मुबारकपुर डबास में एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। चौगामा विकास समिति के कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से अनेक लोग पहुंचे और धर्मेंद्र के चित्र पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धा व्यक्त की।

कार्यक्रम में रानीखेड़ा के देवेंद्र सिंह, मदनपुर के सुखबीर सिंह, रसूलपुर के राजेंद्र डबास सहित क्षेत्र के कई प्रमुख ग्रामीण उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि धर्मेंद्र केवल एक फिल्म स्टार नहीं थे, बल्कि करोड़ों दिलों के ऐसे हमदर्द थे, जिनका जीवन सादगी, संवेदनशीलता और इंसानियत का प्रतीक था।

“मुंबई में भी खुला रहता था उनके घर का दरवाज़ा”

सभा में धर्मेंद्र की सादगी और जनसहयोग से जुड़े कई संस्मरण साझा किए गए। बताया गया कि हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से मुंबई पहुंचने वाली कठिन यात्राओं के बीच लोग जानते थे कि एक घर ऐसा है जहाँ बिना झिझक ठहरा जा सकता है—वह घर था धर्मेंद्र का। कई वक्ताओं ने बताया कि वे मदद को अपना धर्म मानते थे और कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति उनके दरवाजे से खाली हाथ वापस नहीं लौटता था।

गरीबों और युवाओं के लिए हमेशा खड़े रहे धर्मेंद्र

सभा में साझा किए गए अनुभवों में सामने आया कि धर्मेंद्र न सिर्फ आर्थिक रूप से जरूरतमंदों की मदद करते थे, बल्कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से आए युवाओं को पिता समान स्नेह देकर आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देते थे। उनकी पहचान एक ऐसे सुपरस्टार की थी जो प्रसिद्धि के शिखर पर होते हुए भी आम लोगों के दुख–दर्द को समझते और उनके साथ परिवार जैसा व्यवहार करते थे।

“धर्मेंद्र कभी दुनिया से जाते नहीं”—विजेंद्र डबास

चौगामा विकास समिति के महासचिव विजेंद्र डबास ने कहा, “धर्मेंद्र जैसा व्यक्ति वास्तव में कभी दुनिया से जाता नहीं। उनकी इंसानियत, विनम्रता और लोगों से जुड़ाव आज भी हमारे दिलों में जीवित है और आगे भी रहेगा। हम सभी उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करेंगे।”

मानवीय मूल्यों की विरासत को सलाम

धर्मेंद्र के 90वें जन्मदिन पर आयोजित यह कार्यक्रम उनकी अमिट मानवीय विरासत को फिर से उजागर करने वाला रहा। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि धर्मेंद्र न केवल भारतीय सिनेमा के महानायक थे, बल्कि जनसाधारण के जीवन से जुड़े ऐसे इंसान थे जिन्हें आने वाली पीढ़ियाँ भी श्रद्धा के साथ याद करती रहेंगी। मुबारकपुर डबास में आयोजित यह श्रद्धांजलि सभा एक संदेश दे गई कि महानता सिर्फ फिल्मों में नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में आशा और सहारा बनकर उतरने में होती है—और धर्मेंद्र इसका सबसे उज्जवल उदाहरण हैं।

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