पार्षद ने एमसीडी सेंट्रल ज़ोन दफ़्तर के बाहर दिया धरना



 पार्षद ने एमसीडी सेंट्रल ज़ोन दफ़्तर के बाहर दिया धरना

- ’एमसीडी में बढ़ते भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ पार्षद ने खोला था मोर्चा’
- निगम उपायुक्त ने मुलाकात कर दिया समाधान का भरोसा
- वार्ड 188-अबुल फजल एन्क्लेव : अगले सप्ताह अधिकारियों का मुआयना तय


नई दिल्ली / सेंट्रल जोन

दिल्ली नगर निगम वार्ड 188 -अबुल फजल एन्क्लेव की निगम पार्षद अरिबा खान  ने बुधवार को बताया कि दिल्ली नगर निगम के उपायुक्त शाशवत सौरभ और सहायक उपायुक्त राजीव नयन ने उन्हें बैठक के लिए बुलाया, जिसमें क्षेत्र की समस्याओं और लंबित शिकायतों पर विस्तार से चर्चा हुई। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि अगले सप्ताह इलाके में मौके पर जाकर संयुक्त मुआयना किया जाएगा और सभी समस्याओं को प्राथमिकता के साथ हल करने की कोशिश की जाएगी।

- ’शिकायतों का समाधान नहीं, पार्षद को देना पड़ रहा धरना’
पार्षद अरिबा खान ने एमसीडी प्रशासन पर भ्रष्टाचार, लापरवाही और शासन विफलताओं के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि शिकायतें बार-बार उठाने के बावजूद समाधान न मिलने से हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि अब उन्हें खुद प्रशासन के खिलाफ धरना देने पर मजबूर होना पड़ा है।




- अकेले प्रतीकात्मक धरना शुरू किया
निगम पार्षद अरिबा खान ने बताया कि उन्होंने सोमवार से सेंट्रल ज़ोन उपायुक्त कार्यालय के बाहर शांतिपूर्ण, अकेले प्रतीकात्मक धरना शुरू किया है, जो 12 दिसंबर 2025 तक, हर दिन सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक जारी रहना था। पार्षद का कहना है कि जनता की शिकायतें महीनों से लंबित हैं जिसमें भ्रष्टाचार और मिलीभगत के कारण समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा, सफाई, अवैध कब्ज़े, टूटे रास्ते, स्ट्रीटलाइट, स्वच्छता और प्रशासनिक उदासीनता जैसे मुद्दे लगातार बढ़ रहे हैं।

- अधिकारियों का आश्वासन, नागरिकों में उम्मीद की किरण

बैठक में उपायुक्त और सहायक आयुक्त दोनों ने माना कि नागरिकों को लंबी अवधि से समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और जल्द ही सभी प्रमुख बिंदुओं का स्थल निरीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय निवासियों का कहना है कि पार्षद की आवाजाही और लगातार विरोध ने मुद्दों को गंभीरता से उठाया है, और आशा है कि इस बार एमसीडी प्रशासन ठोस कदम उठाएगा। वहीं, ऐसे मामलों को लेकर बताया जा रहा है कि यह मामला न केवल वार्ड 188 बल्कि पूरे एमसीडी तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है, जिसे सुधारने की आवश्यकता लगातार जताई जा रही है।

Comments