दिल्ली में मंडरा रहा ‘गोवा जैसा अग्निकांड’ का खतरा!


दिल्ली में मंडरा रहा ‘गोवा जैसा अग्निकांड’ का खतरा!
#एमसीडी अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध ओपन टैरेस रेस्टोरेंट बेखौफ: मुकेश गोयल

– बिना लाइसेंस और अवैध निर्माण के साथ चल रहे सैकड़ों टैरेस रेस्टोरेंट
– गोवा की तर्ज पर दिल्ली में भी बड़े हादसे की चेतावनी
– लाइसेंस नवीनीकरण बंद, नियम टूटे और एमसीडी को भारी आर्थिक नुकसान

नई दिल्ली, 08 दिसंबर 2025

दिल्ली नगर निगम में वरिष्ठ पार्षद और इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी के नेता मुकेश गोयल ने आगाह किया है कि देश की राजधानी में कभी भी गोवा जैसी भयावह दुर्घटना घट सकती है। गोवा के ‘बर्च बाई रोमियो लेन’ ओपन टैरेस रेस्टोरेंट में लगी आग में 25 से अधिक लोगों की मौत के बाद दिल्ली के अवैध टैरेस रेस्टोरेंट्स पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।


गोयल ने आरोप लगाया कि एमसीडी अधिकारियों की मिलीभगत से दिल्ली में दर्जनों नहीं, बल्कि सैकड़ों ओपन टैरेस रेस्टोरेंट अवैध रूप से चल रहे हैं। नियमों के अनुसार इन टैरेस पर केवल खाना परोसने की इजाज़त है, लेकिन बड़े पैमाने पर यहां अवैध बार संचालित किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, कई रेस्टोरेंट्स में टैरेस को तिरपाल, शेड और स्थायी ढांचे से ढककर आग के जोखिम को कई गुना बढ़ा दिया गया है।

गोयल ने खुलासा किया कि गोवा हादसे में शामिल ‘बर्च बाई रोमियो लेन’ का संचालन दिल्ली में भी दो स्थानों—केशव पुरम जोन और सिटी एसपी जोन—में हो रहा है, जहां भी नियमों की लगातार धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इसके अलावा ‘निओ बा स्काई बार’, ‘किंजो’ और ‘बोआ’ जैसे प्रसिद्ध बार भी बिना एमसीडी लाइसेंस के खुलकर कारोबार कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि एमसीडी के पब्लिक हेल्थ विभाग और जोनल हेल्थ अधिकारियों के आंकड़ों में भारी अंतर मिला है—साउथ जोन में ओपन स्पेस रेस्टोरेंट की संख्या 7 से बढ़ाकर 60 तक बताई गई। यह स्पष्ट करता है कि भीतर ही भीतर किस स्तर की मिलीभगत चल रही है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि शाहदरा नॉर्थ में 9 और शाहदरा साउथ में 7 ओपन टैरेस रेस्टोरेंट्स को लाइसेंस तो जारी हुए थे, लेकिन 31 मार्च 2025 के बाद एक का भी नवीनीकरण नहीं हुआ। इसके बावजूद ये रेस्टोरेंट खुलेआम चल रहे हैं, जिससे न सिर्फ नियमों की अवहेलना हो रही है बल्कि एमसीडी को भी करोड़ों का राजस्व नुकसान झेलना पड़ रहा है।

मुकेश गोयल ने दिल्ली सरकार और एमसीडी से तुरंत कार्रवाई की मांग की है, ताकि किसी बड़े हादसे से पहले इन अवैध संरचनाओं और बारों पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने कहा कि "गोवा जैसी त्रासदी से पहले यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो दिल्ली में उससे भी बड़ा अग्निकांड कभी भी हो सकता है।"

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